यह ख़बर 18 जून, 2014 को प्रकाशित हुई थी

निठारी कांड के दोषी सुरेंद्र कोली समेत पांच की दया याचिका गृहमंत्रालय ने खारिज की

निठारी कांड का दोषी सुरेंद्र कोली (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मौत की सजा पाए पांच दोषियों की दया याचिकाओं को खारिज कर दिया है। जिन दोषियों की दया याचिका खारिज की गई है, उनमें नोएडा के चर्चित निठारी कांड का दोषी सुरेंद्र कोली भी शामिल है। कोली वर्ष 2005 में निठारी में कई महिलाओं और बच्चों की सीरियल कीलिंग का दोषी है और उसे मौत की सजा सुनाई गई है।

सुरेंद्र कोली की फांसी की सजा इलाहाबाद हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने कायम रखी और उसकी दया याचिका उत्तर प्रदेश के राज्यपाल द्वारा खारिज की जा चुकी है।

जिन अन्य दोषियों की दया याचिका गृह मंत्रालय द्वारा खारिज की गई है, उनमें महाराष्ट्र की रेणुकाबाई शामिल है, जिसे कई बच्चों के अपहरण और उनकी हत्या के मामले में मौत की सजा सुनाई गई है। बॉम्बे हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने उसकी सजा बहाल रखी।

इसी तरह, महाराष्ट्र के ही राजेंद्र वासनिक एक बच्ची के साथ रेप और उसकी हत्या के मामले में फांसी की सजा सुनाई गई और बॉम्बे हाईकोर्ट तथा सुप्रीम कोर्ट ने उसकी सजा बरकरार रखी। महाराष्ट्र के राज्यपाल ने उसकी दया याचिका पहले ही ठुकरा दी थी।

मध्य प्रदेश के जगदीश को अपनी पत्नी और पांच बच्चों की हत्या करने के चलते मौत की सजा सुनाई गई। हाईकोर्ट तथा सुप्रीम कोर्ट ने उसकी कायम रखी तथा मध्य प्रदेश के राज्यपाल उसकी दया याचिका पहले ही खारिज कर चुके हैं। असम के होलीराम बोरदोलोई को तीन लोगों की हत्या के दोष में फांसी की सजा सुनाई गई है। हाईकोर्ट तथा सुप्रीम कोर्ट ने भी उसकी फांसी की सजा बरकरार रखी।


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