लखनऊ : उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक आगरा शहर में निर्माणाधीन मुगल संग्रहालय का नाम मराठा नायक छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर रखा जाएगा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को इसकी घोषणा की. शहर में विकास कार्यों की समीक्षा करने के लिए बुलाई गई बैठक में उन्होंने कहा, "हमारे नायक मुगल कैसे हो सकते हैं..." सरकार द्वारा जारी बयान के मुताबिक, CM ने घोषणा की, 'कुछ भी, जिससे दासता की मानसिकता की बू आती है', को उनकी सरकार द्वारा दूर किया जाएगा.
योगी आदित्यनाथ जिन्होंने अपने तीन साल पुराने शासन में इलाहाबाद (अब प्रयागराज) सहित कई स्थानों के नाम बदल दिए हैं - बाद में ट्वीट किया कि उत्तर प्रदेश में "गुलामी की मानसिकता" के प्रतीकों के लिए कोई जगह नहीं."
इस परियोजना को पिछली अखिलेश यादव सरकार ने 2015 में मंजूरी दी थी. यह सुविधा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से 210 किलोमीटर दूर शहर में ताजमहल के पास छह एकड़ के भूखंड पर आ रही है. संग्रहालय मुगल संस्कृति, कलाकृतियों, चित्रों, भोजन, वेशभूषा, मुगल युग-हथियार और गोला-बारूद और प्रदर्शन कला पर केंद्रित होगा.
यह भी पढ़ें- आगरा के लिए खुशखबरी, 21 सितंबर से ताजमहल और किले का दीदार कर सकेंगे पर्यटक
मुगल वंश ने 1526-1540 और 1555-1857 तक भारत पर शासन किया. इन्हें आगरा और दिल्ली में ताजमहल और लाल किले सहित कई स्मारकों के निर्माण का श्रेय दिया जाता है. इतिहासकार इस बात पर विभाजित हैं कि क्या मुगल शासकों ने अपने तीन शताब्दी के शासन के दौरान हिंदुओं पर अत्याचार किए थे.
मराठा योद्धा और16 वीं शताब्दी के राजा छत्रपति शिवाजी महाराज अपने जीवन के अधिकांश समय मुगलों से लड़े और वह अपनी सैन्य विजय के लिए जाने जाते हैं. 2018 में कांग्रेस ने यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमला करते हुए कहा था कि वह इतिहास के साथ खिलवाड़ कर रही है.