नलिन खंडेलवाल कैसे बने NEET टॉपर? पढ़ें- उनकी सफलता का राज

NEET (National Eligibility Entrance Test) यानी राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा में अव्वल आए नलिन खंडेलवाल का मानना है कि अगर 12वीं के स्तर पर अच्छा रिजल्ट चाहिये तो स्मार्ट फोन से दूरी बनाना बेहद जरूरी है.

नलिन खंडेलवाल कैसे बने NEET टॉपर?  पढ़ें- उनकी सफलता का राज

नलिन 720 अंकों में से 701 अंक हासिल करते हुए  99.99 पर्सेंटाइल के साथ नीट में टॉप किया है.

खास बातें

  • नलिन खंडेलवाल ने नीट में मारी है बाजी
  • नलिन के माता-पिता दोनों हैं डॉक्टर
  • दिल्ली के एम्स में लेना चाहते हैं दाखिला
नई दिल्ली :

स्मार्ट फोन भले ही आज जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया हो, लेकिन देशभर के मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए आयोजित NEET (National Eligibility Entrance Test) यानी राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा में अव्वल आए नलिन खंडेलवाल का मानना है कि अगर 12वीं के स्तर पर अच्छा रिजल्ट चाहिये तो स्मार्ट फोन से दूरी बनाना बेहद जरूरी है. आपको बता दें कि NEET में नलिन खंडेलवाल ने कुल 720 अंकों में 701 अंक हासिल करते हुए  99.99 पर्सेंटाइल के साथ टॉप किया है. नीट के नतीजों के आधार पर ही देश के मेडिकल कांउसिल ऑफ इंडिया और डेंटल कांउसिल ऑफ इंडिया से मान्यता प्राप्त संस्थानों में दाखिला होता है. नलिन का मानना है कि  NEET की परीक्षा में बायोलॉजी सबसे स्कोरिंग सब्जेक्ट है. इस विषय में आप अपनी मेहनत के दम पर 90% तक अंक हासिल कर सकते हैं. 

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नलिन बताते हैं कि फिजिक्स उनकी तैयारी का सबसे कमजोर हिस्सा रहा, जिसकी वजह से उन्हें बायोलॉजी के बाद सबसे ज्यादा मेहनत फिजिक्स पर ही करनी पड़ी थी. जहां तक केमिस्ट्री की बात है तो इस सब्जेक्ट की फिजिक्स और बायोलॉजी दोनों के मुकाबले कम समय में तैयारी की जा सकती है. एनडीटीवी से खास बातचीत के दौरान नलिन ने बताया कि अपनी तैयारी के दौरान वे रोजाना सात से आठ घंटे तक सेल्फ स्टडी करते थे. वे कहते हैं कि कई बार छात्र NEET और 12वीं बोर्ड की तैयारी में प्राथमिकताओं को लेकर उलझन में पड़ जाते हैं, लेकिन मेरा मानना है कि अगर  NCERT को आधार बनाकर तैयारी की जाए तो इन दोनों ही परीक्षाओं की तैयारी साथ साथ हो जाती है. जहां NEET में पूछे जाने वाले सवालों का आधार NCERT रहता है, वहीं 12वीं बोर्ड के सवाल पूरी तरह से NCERT के सिलेबस के दायरे में होते हैं.  

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देशभर में पहले नंबर पर आए नलिन का कहना है कि हमें अपनी  तैयारी में सबसे ध्यान शंकाओं को दूर करने पर देना चाहिए और ये बात अपने दिमाग से निकाल देनी चाहिए कि अगर आप कोई सवाल पूछते हैं तो दूसरा आपको लेकर क्या सोचेगा. जब तक सारी शंका दूर नहीं होती तब तक हम अपनी कमियों को सुधार नहीं सकते हैं. नलिन का ये भी मानना है कि परीक्षा के लिए अगर तैयारी जरूरी है तो इस दौरान खुद को मानसिक तौर पर फिट रखना भी बेहद अहम है. NEET टॉपर नलिन अब आगे की पढ़ाई नई दिल्ली स्थित AIIMS से करना चाहते हैं. जहां तक पारिवारिक पृष्ठभूमि का सवाल है तो नलिन के माता-पिता दोनों ही डॉक्टर हैं. पिता राकेश खंडेलवाल शिशु रोग विशेषज्ञ हैं, मां विनीता महिला रोग विशेषज्ञ हैं. इतना ही नहीं बड़े भाई निहित भी जोधपुर से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं.