एचएस फुल्का ने बताई 'आप' का साथ छोड़ने की वजह, कहा- फिर अन्ना के जैसे आंदोलन की जरूरत

वरिष्ठ वकील फुल्का ने कहा कि अब वे पंजाब में नशे के खिलाफ लड़ेंगे और एसजीपीसी को राजनीतिक पार्टी के कब्जे से मुक्त कराएंगे

एचएस फुल्का ने बताई 'आप' का साथ छोड़ने की वजह, कहा- फिर अन्ना के जैसे आंदोलन की जरूरत

आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दे चुके एचएस फुल्का ने कहा है कि वे पंजाब में नया संगठन बनाएंगे.

खास बातें

  • कहा- संगठन की शुरुआत पंजाब से करेंगे, नशे के खिलाफ लड़ेंगे
  • कहा- SGPC का चुनाव नहीं लड़ेंगे लेकिन संगठन बनाएंगे
  • ऐसे संगठन की जरूरत है जो सच को सच और झूठ को झूठ कह सके
नई दिल्ली:

वरिष्ठ वकील और आम आदमी पार्टी के नेता एचएस फुल्का ने गुरुवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया. आम आदमी पार्टी छोड़ने के पीछे उन्होंने कहा कि इस्तीफा इसलिए दिया ताकि फिर से अन्ना हजारे के आंदोलन जैसा मूवमेंट खड़ा करें. उन्होंने कहा कि अब वे पंजाब में नशे के खिलाफ लड़ेंगें और एसजीपीसी (शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी) को राजनीतिक पार्टी से मुक्त कराएंगे.   

शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एचएस फुल्का ने कहा कि अन्ना के आंदोलन से लोग राजनीति में गए, अब वे बाहर आ गए हैं. अब मैं संगठन की शुरुआत पंजाब से करूंगा. नशे के खिलाफ़ लड़ूंगा. SGPC काफी समय से एक पॉलिटिकल पार्टी के कब्जे में है. मेरा प्लान पंजाब में नशे के खिलाफ लड़ने के लिए संगठन बनाना, SGPC को पॉलिटिकल कब्जे से छुड़ाना है. उन्होंने कहा कि खुद SGPC चुनाव नहीं लड़ूंगा लेकिन संगठन बनाऊंगा. उन्होंने यह भी कहा कि मैं आगामी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ूंगा.

एचएस फुल्का ने कहा कि आज से आठ साल पहले जब देश में अन्ना हजारे का आंदोलन शुरू हुआ तो इससे अपने-अपने क्षेत्र के समाज सेवक जुड़े और एक संगठन बना जो पॉलिटिकल पार्टी के पैरेलल खड़ा हो गया. ऐसे संगठन की देश को बहुत जरूरत थी. फिर सोचा गया कि इसको पॉलिटिकल पार्टी में बदल दिया जाए  जिससे और ज्यादा समाज सेवा हो सके.

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फुल्का ने कहा कि पांच साल के तजुर्बे से बहुत कुछ सीखा, लोकसभा में केवल 19000 वोटों से रह गया और विधानसभा बड़े मार्जिन से जीता. मैंने 1984 (1984 का सिख विरोधी दंगा) के लिए नेता विपक्ष का पद छोड़ा, आज लग रहा है वह फैसला सही था. बीते एक साल से एक्टिव पॉलिटिक्स से किनारा किया हुआ है. पार्टी की किसी मीटिंग में नहीं गया, बस अपने क्षेत्र (विधानसभा क्षेत्र) में काम किया.

उन्होंने कहा कि पांच साल के राजनीति के तजुर्बे ने सिखाया कि 2012 का फैसला कि मूवमेंट को राजनीति में बदलें, सही नहीं था. आज फिर अन्ना हजारे जैसे आंदोलन की जरूरत है. ऐसे संगठन की जरूरत है जो सच को सच और झूठ को झूठ कह सके. जब वह संगठन बोले तो पॉलिटिकल पार्टियां सुनने को मजबूर हों.

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जब फुल्का से इस संवाददाता ने पूछा कि आप एक ऐसे संगठन की बात कर रहे हो जो सच को सच बोले, झूठ को झूठ बोले. आप नशे से लड़ने की भी बात कर रहे हो. तो क्या आम आदमी पार्टी इन मुद्दों पर या इस तरह से काम नहीं कर रही है? इस पर फुल्का ने कहा  'नो कमेंट्स'

गौरतलब है कि एचएस फुल्का ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों के लिए कानूनी लड़ाई लड़ी. इस साल लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन की संभावना को लेकर चल रही अटकलों के बीच उन्होंने आम आदमी पार्टी छोड़ दी.     

VIDEO : 1984 के दंगा पीड़ितों को मिला न्याय

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उधर चरखी दादरी में आज अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पंजाब के आप नेता एचएस फुल्का अब राजनीति नहीं करना चाहते इसलिए उन्होंने इस्तीफा दिया है. फुल्का ने उनसे दिल्ली में मुलाकात की. केजरीवाल ने कहा कि यहां राजनीति करने नहीं, शहीदों का सम्मान करने आया हूं.उन्होंने पीएम मोदी के गुरदासपुर से लोकसभा चुनाव का प्रचार शुरू करने पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.