यह ख़बर 14 अक्टूबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

हुदहुद : आंध्र प्रदेश, ओडिशा में राहत कार्य युद्धस्तर पर जारी, मृतकों की संख्या बढ़कर 24 हुई

विशाखापटनम/भुवनेश्वर:

हुदहुद चक्रवात के कहर में आंध्र प्रदेश तथा ओडिशा में ध्वस्त हुई संचार सेवाएं, बिजली संपर्क बहाल करने और मलबे से भरी सड़कों की सफाई करने के लिए राहत कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। इस प्राकृतिक आपदा में मरने वालों की संख्या बढ़ कर 24 हो गई है।

चक्रवात से विशाखापटनम बुरी तरह प्रभावित हुआ जहां बड़ा नौसैनिक अड्डा है। हुदहुद के कहर से तहसनहस हुए विशाखापटनम को देख कर युद्ध क्षेत्र का अहसास होता है। इस जिले की आबादी करीब 20 लाख है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की है कि वह मंगलवार को विशाखापटनम आएंगे और दोपहर को प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे करेंगे।

हुदहुद के कहर के चलते कई जिलों के हजारों लोग बेघर हो गए हैं और सात लाख से अधिक लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं। इनमें से पांच लाख लोग आंध्र प्रदेश के हैं, जिन्हें सुरक्षा की दृष्टि से उनके घरों से हटाया गया है।

विशाखापटनम सहित दर्जनों जिलों में धराशायी हुई अवसंरचना बहाली के लिए प्राधिकारी हरसंभव कोशिश कर रहे हैं।

आंध्र प्रदेश आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के विशेष आयुक्त के हेमावती ने बताया 'विशाखापटनम जिले से 15 लोगों के मारे जाने की खबर है, जबकि विजियानगरम में पांच और श्रीकाकुलम में एक व्यक्ति के मारे जाने की सूचना मिली है।'

राज्य सरकार के सलाहकार (संचार) परकाला प्रभाकर ने बताया कि ज्यादातर लोगों की मौत पेड़ गिरने की वजह से हुई। ओडिशा में चक्रवात संबंधी घटनाओं में तीन व्यक्तियों की मौत हो गई।

आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, विशाखापटनम में 1.35 लाख से अधिक लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं तथा चार लाख से अधिक लोगों को भोजन मुहैया कराया गया है।

प्रभाकर ने बताया 'खाद्य सामग्री के पैकेट और जरूरी सामान विजयवाड़ा तथा अन्य स्थानों से विमानों के जरिये लाया गया। सामग्री ले कर आए विमानों को सुबह उतरने में समस्या हुई लेकिन इसे हल कर लिया गया।'

राहत अभियानों की निगरानी के लिए विशाखापटनम में रूके मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने आज शहर का हवाई सर्वे किया और अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने प्रत्येक मृतक के परिजनों को पांच लाख रूपये की अनुग्रह राशि, 25 किग्रा चावल, एक किग्रा चीनी और पांच लीटर केरोसिन देने का ऐलान किया।

केंद्र सरकार के अनुसार, चक्रवात के कहर में मरने वालों की संख्या 17 है। दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है 'कुल 17 लोगों की जान गई। इनमें से 14 आंध्र प्रदेश में और 3 ओडिशा में हैं।'

आंध्र प्रदेश में कल अधिकारियों ने बताया था कि तूफान में पांच व्यक्तियों की जान गई क्योंकि विशाखापटनम, विजियानगरम और श्रीकाकुलम जिलों में भीषण बारिश हो रही है और करीब 200 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चल रही है।

चक्रवात आंध्र प्रदेश के तटीय हिस्से से ओडिशा की ओर बढ़ा जहां करीब 50,000 कच्चे मकान, बिजली का नेटवर्क तथा सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं।

इसके बाद चक्रवात ने छत्तीसगढ़ का रुख किया और 'गहरे दबाव के क्षेत्र' के तौर पर कमजोर हो गया। विशाखापटनम के अलावा उत्तर तटीय आंध के जिले.. श्रीकाकुलम, विजियानगरम और ईस्ट गोदावरी में भी व्यापक नुकसान हुआ। ओडिशा में हुदहुद ने जिन 8 जिलों पर अपना कहर बरपाया उनमें गजपति, कोरापुट, मलकानगिरी अैर रायगड़ा शामिल हैं।

चक्रवात की वजह से विशाखापटनम हवाईअड्डा भी क्षतिग्रस्त हुआ जहां इसके एक हिस्से की छत तेज हवा में उड़ गई।

मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने राजमुन्दरी में कहा कि सरकार की प्राथमिकता प्रभावित गांवों तक संपर्क बहाल करना, संचार नेटवर्क स्थापित करना और राहत शिविरों में रह रहे लोगों की देखभाल करना है।

आंध्र प्रदेश के चार उत्तर तटीय जिलों में और ओडिशा के कई हिस्सों में भीषण बारिश के लिए अलर्ट जारी किया गया है। तेज हवाओं और भीषण बारिश के कारण बंदरगाह शहर विशाखापटनम की खूबसूरती तबाह हो गई जहां कल चक्रवात आया था। कई पेड़ उखड़ गए, सेल टावर ध्वस्त हो गए, ट्रांसफार्मर, होर्डिंग और टेलीफोन के खंभे रास्तों पर गिर गए।

शनिवार की रात से शहर में बिजली और संचार सेवाएं नहीं हैं। चक्रवात की अद्यतन जानकारी के लिए कई जगहों पर लोगों ने रेडियो की मदद ली।

विशाखापटनम में लोग शनिवार की रात से घर से बाहर नहीं निकले लेकिन आज बारिश थमने के बाद उन्होंने घर से बाहर कदम रखा। एक निवासी ने कहा 'बिजली, पानी, भोजन कुछ नहीं है। हमें पेट्रोल नहीं मिल रहा है। सड़क पर हम चल नहीं सकते। यहां एक दिन भी रहना मुश्किल है।'

चक्रवात के कारण कई पेट्रोल पंप क्षतिग्रस्त हो गए और बंद रहे। जो पेट्रोल पंप आज खुले थे वहां लोगों की लंबी कतारें थीं। लोगों ने शिकायत की कि सब्जियों और खाद्य सामग्री की पर्याप्त आपूर्ति न होने की वजह से इनके दाम आसमान छू रहे हैं।

सभी प्रभावित इलाकों में मलबा हटाने और जनजीवन को पटरी पर लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य सरकार ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के पांच दल बनाए हैं जो राहत अभियानों की निगरानी करेंगे।

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि कुल 2,33,271 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया और 2,029 आश्रय गृहों में रखा गया है।

एक अधिकारी ने बताया कि राज्य ने दमकल कर्मियों के 30 दल आंध्रप्रदेश भेजे हैं। ये दल अपने साथ सड़कों की सफाई करने और पेड़ काटने की मशीनें ले कर गए हैं।

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ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) पीके महापात्र ने बताया 'चक्रवात की तीव्रता कम हो रही है और कुछ जगहों पर मामूली बारिश हो रही है। थोड़ी स्थिति सुधरने पर प्रभावित लोग अपने घर लौट सकते हैं।'