यह ख़बर 26 जुलाई, 2012 को प्रकाशित हुई थी

मैं कांग्रेस नेतृत्व के दबाव में नहीं हूं : चव्हाण

खास बातें

  • चव्हाण ने कहा, ‘पत्र में विकास से संबंधित 13 मुद्दों का जिक्र है और मंत्रिमंडल को पुनर्गठित किए जाने की मांग की गई है। मैं पत्र को असंतोष के रूप में नहीं मानता।’
मुम्बई:

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने वृहस्पतिवार को कहा कि सहयोगी दल राकांपा के साथ गतिरोध के दौरान उन पर कांग्रेस आलाकमान का कोई दबाव नहीं था।

यह पूछे जाने पर कि क्या उनसे राजनीतिज्ञों की संलिप्तता वाले भ्रष्टाचार के मामलों में ढिलाई बरतने को कहा गया था, चव्हाण ने कहा, मुझे नहीं पता कि आप किस दबाव की बात कर रहे हैं। मुझ पर पार्टी नेतृत्व का कोई दबाव नहीं था।

उन्होंने कहा, ‘मीडिया में कुछ मामलों की खबरें आ रही हैं और कुछ विचाराधीन हैं। सरकार इस पर बहुत कुछ नहीं कर सकती। जहां तक सिंचाई पर प्रस्तावित श्वेत पत्र की बात है तो, यह विभाग 1999 से राकांपा के पास है। मेरा इरादा सिर्फ सिंचाई क्षमताओं के विकास संबंधी तथ्यों को लाना है, ताकि परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जा सके।

चव्हाण ने कहा कि श्वेत पत्र सरकार और लोगों के बीच एक संवाद था। मेरे द्वारा किसी के पीछे पड़ने का सवाल ही नहीं है। यह पूछे जाने पर कि क्या वह 2014 के विधानसभा चुनाव में गठबंधन का नेतृत्व करेंगे, चव्हाण ने कहा, ‘‘इस सम्बंध में कुछ कहना जल्दबाजी होगी। जब समय आएगा, आपको पता चल जाएगा।’’

उनकी कार्यप्रणाली के खिलाफ कांग्रेस विधायकों द्वारा अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के प्रदेश प्रभारी मोहन प्रकाश को दिए जा रहे पत्र के बारे में पूछे जाने पर चव्हाण ने कहा कि प्रदेश इकाई के प्रमुख माणिक राव ठाकरे ने उन्हें बुधवार को पत्र दिखाया था।

चव्हाण ने कहा, ‘पत्र में विकास से संबंधित 13 मुद्दों का जिक्र है और मंत्रिमंडल को पुनर्गठित किए जाने की मांग की गई है। मैं पत्र को असंतोष के रूप में नहीं मानता।’ उन्होंने यह भी कहा कि विधायक अपने द्वारा उठाए गए मुद्दों पर चर्चा के लिए समय चाहते हैं और वह उनसे मुलाकात करेंगे।

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उन्होंने इस बात को नकार दिया कि विधायक उनकी कार्यप्रणाली से नाराज हैं और कहा, ‘मैं सभी विधायकों के संपर्क में हूं।’