यह ख़बर 24 नवंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

2जी विवाद : जोशी ने कहा, मैंने कैग को बुलाया था, उसके अफसरों को नहीं

खास बातें

  • बीजेपी नेता और संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी ने कैग के पूर्व अधिकारी आरपी सिंह के आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि पीएसी अध्यक्ष होने के नाते उन्हें किसी भी अधिकारी को बुलाने और उनसे जानकारी लेने का अधिकार है।
नई दिल्ली:

बीजेपी के वरिष्ठ नेता और संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी ने कैग (सीएजी) के पूर्व
 अधिकारी आरपी सिंह के आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि पीएसी अध्यक्ष होने के नाते उन्हें किसी भी अधिकारी को बुलाने और उनसे जानकारी लेने का अधिकार है।

आरपी सिंह ने आरोप लगाया है कि जोशी ने 2जी पर रिपोर्ट तैयार किए जाने के समय कैग से संपर्क किया था और उनका व्यवहार अनैतिक था।

यह पूछे जाने पर क्या वह इस बात को इनकार रहे हैं कि 26 अप्रैल को कैग के अधिकारी उनसे मिलने आए थे, जोशी ने एनडीटीवी से कहा, बिल्कुल... जब मैं लोगों को बुलाता हूं, तभी वे मुझसे मिलने आते हैं। मुझे किसी भी अधिकारी को बुलाने का हक है। सिर्फ कैग के अफसरों को ही नहीं, मैं किसी भी अफसर को बुला सकता हूं।

जोशी ने कहा, मैं अफसरों को बुलाता रहा हूं और उन्हें विभिन्न चीजों के बारे में मुझे जानकारी देनी होती है। अगर मुझे किसी फाइल की जरूरत होती है, तो कैग के अधिकारी आते हैं और मुझे फाइल दिखाते हैं। मुझे रिपोर्ट के आधार पर जानकारी की जरूरत होती है। मैं जिन्हें बुलाता हूं, वे आते हैं। लेकिन मैं यह बता नहीं सकता हूं कि नियत तारीख को कौन आया और कौन नहीं, लेकिन आरपी सिंह वहां मौजूद नहीं थे और उन्होंने खुद भी यह कहा है...फिर भला वह यह कैसे जाने कि कोई मीटिंग हुई और लोग आए थे।

आरपी सिंह ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन की नीलामी में 1.76 लाख करोड़ रुपये के नुकसान के आंकड़े पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि उनके मुताबिक पहले आओ, पहले पाओ की नीति के आधार पर स्पेक्ट्रम आवंटन में 37 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जिसकी पूरी तरह से भरपाई संभव थी। आरपी सिंह ने कहा कि उन्हें अपने वरिष्ठों के आदेश पर 1.76 लाख करोड़ रुपये के नुकसान की बात कहने वाली रिपोर्ट पर हस्ताक्षर करने पड़े थे। सरकार शुरू से कैग के नुकसान के आंकड़े पर सवाल उठाती रही है।

मुरली मनोहन जोशी ने कहा, दूरसंचार मंत्रालय की ऑडिट के बाद पीएसी की रिपोर्ट तैयार की गई थी, जो कार्य मेरे अधीन था। इसमें सभी पहलुओं को शामिल किया गया था, लेकिन मेरी रिपोर्ट में नुकसान के आंकड़े नहीं थे। उन्होंने कहा कि पीएसी के समक्ष भी उन्होंने (आरपी सिंह) इस विषय पर कुछ नहीं कहा, लेकिन अब वे यह सब क्यों कह रहे हैं, यह आश्चर्य का विषय है।

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जोशी ने कहा कि सेवानिवृत्त होने के बाद भी उन्होंने ऐसे सवाल उठाए थे, लेकिन जब उनसे संयुक्त संसदीय समिति में पूछा गया, तब उन्होंने ऐसा कोई भी साक्षात्कार देने की बात से इनकार किया। उन्होंने कहा कि यह कैग और पीएसी को बदनाम करने की साजिश है और इसमें सरकार सहित अन्य के स्वार्थ निहित हैं। जोशी ने आशंका व्यक्त की कि यह कैग जैसी संस्था पर लगाम लगाने का प्रयास है।