पीएम मोदी के 'सबका साथ, सबका विकास' अभियान से मैं बेहद प्रभावित हुआ : जॉन केरी

गांधीनगर:

अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए आज भारत और अमेरिका के बीच मजबूत आर्थिक संबंधों का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की 'मेक इन इंडिया' और 'सबका साथ, सबका विकास' जैसी पहल 'पूरी दुनिया के लिए' फायदे का सौदा साबित हो सकती हैं।

केरी ने यहां सातवें वाइब्रेंट गुजरात समिट को संबोधित करते हुए कहा, 'भारत और अमेरिका के बीच बड़ी संभावनाओं के दोहन का इससे अच्छा कोई मौका नहीं हो सकता।' उन्होंने कहा कि आर्थिक भागीदारी पहले से ही दिन-ब-दिन मजबूत होने लगी है।

मोदी द्वारा घोषित विभिन्न पहलों का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा, 'मैं प्रधानमंत्री मोदी के 'सबका साथ,सबका विकास' अभियान से बहुत प्रभावित हुआ हूं। यह हम सभी के लिए अंगीकार करने योग्य बहुत अच्छा नारा लगता है, अगर हम इसको अपना सकें तो हमारा काम बन सकता है।' इसके साथ ही उन्होंने कहा, 'हम मोदी के 'मेक इन इंडिया' पहल को पूरी दुनिया के लिए फायदे का सौदा बनाएंगा।'

यहां आपको बता दें कि भारत और अमेरिका के बीच सामान व सेवाओं का सालाना व्यापार साल 2000 के बाद बढ़ कर पांच गुना हो गया है। द्विपक्षीय एफडीआई इस समय 30 अरब डालर है।

केरी ने कहा, '.. मैं आश्वस्त करना चाहूंगा कि हमारे आर्थिक संबंध हर लिहाज से मजबूत होंगे। हम अपने दोनों देशों के बीच सालाना व्यापार को आने वाले वर्षों में पांच गुना करने के प्रधानमंत्री मोदी के लक्ष्य के साथ हैं और हम अपने वाणिज्यिक संबंधों का विस्तार करना चाहते हैं। हम अपने इन संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जा सकते हैं।'

केरी ने कहा कि भारत और अमेरिका की यह साझा जिम्मेदारी है कि दोनों अन्य भागीदार देशों के साथ मिलकर यह साबित करें कि लोकतांत्रिक व्यवस्थाएं अपने अपने नागरिकों की सेवा करने में समर्थ हैं। जलवायु परिवर्तन पर चिंता जताते हुए कैरी ने कहा कि यह फसल उत्पादन, अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले समय में हम ऐसे 'जलावायु सरणार्थियों' को देखेंगे जो रोटी पानी और नए अवसरों के लिए आपस में लड़ भिड़ रहे होंगे।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

इसी संदर्भ में उन्होंने स्वस्थ ऊर्जा नीति अपनाने पर जोर दिया तथा भारत में पवन एवं वायु ऊर्जा के उत्पादन और कृषि को जलवायु परिवर्तन के प्रति अधिक सहनशील बनाने के प्रयासों का जिक्र किया।