Chandrayaan 2 के बाद अब इस बड़े मिशन की तैयारी में जुटा गगनयान
नई दिल्ली : Chandrayaan 2 के लैंडर से संपर्क टूटने के बाद अब इसरो ने एक नए मिशन की तैयारी शुरू कर दी है. इस मिशन का नाम गगनयान दिया गया है. इसके लिए भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों के चयन का पहला चरण इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन में पूरा हो गया. वायुसेना ने शुक्रवार को कहा कि चयनित पायलटों को व्यापक शारीरिक व्यायाम परीक्षणों, प्रयोगशाला जांच, क्लीनिकल जांच, रेडियोलॉजिकल टेस्ट व मनोविज्ञान मूल्यांकन से गुजरना पड़ा. मिशन गगनयान का मकसद 2022 तक भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा एक भारतीय चालक दल के साथ अंतरिक्ष यान को लॉन्च करना है. इसरो के चेयरमैन के.सिवन ने कहा कि इसरो दी गई समय सीमा में मिशन को पूरा करने में सक्षम है.
गगनयान परियोजना 10,000 करोड़ रुपये की है। गगनयान भारत का पहला मानव अंतरिक्षयान कार्यक्रम है। इसकी घोषणा बीते साल स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी. इसमें तीन-सदस्यीय चालक दल को सात दिनों के लिए अंतरिक्ष में भेजना शामिल है. अंतरिक्षयान को पृथ्वी की निचली कक्षा में रखा जाएगा. आपको बता दें कि ‘चंद्रयान-2' का लैंडर ‘विक्रम' शनिवार तड़के चांद की सतह पर ऐतिहासिक ‘सॉफ्ट लैंडिंग' के लिए तैयार है और यह क्षण इसरो के वैज्ञानिकों के लिए ‘दिल की धड़कनों को थमा देने वाला' होगा.
चंद्रयान-2 के लिए आखिरी के 15 मिनट क्यों हैं सबसे मुश्किल? बता रहे हैं- ISRO के चेयरमैन
भारत के लोग देश की इस ऐतिहासिक अंतरिक्ष छलांग की सफलता के लिए प्रार्थना करने के साथ ही शुक्रवार-शनिवार की दरम्यानी रात होने वाली ‘सॉफ्ट लैंडिंग' की घड़ी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. सिर्फ देश ही नहीं, बल्कि दुनिया के अन्य राष्ट्रों की निगाहें भी इस मिशन पर टिकी हैं. सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग' भारत को रूस, अमेरिका और चीन के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बना देगी.
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