कोरोना के वैक्सीन को लेकर ICMR ने भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड से हाथ मिलाया

एक बयान के अनुसार टीके का विकास आईसीएमआर के पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) में अलग किए गए वायरस के ‘उप-प्रकार’ का इस्तेमाल कर किया जएगा.

कोरोना के वैक्सीन को लेकर ICMR ने भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड से हाथ मिलाया

प्रतीकात्मक तस्वीर

खास बातें

  • आईसीएमआर ने भारतबायोटेक इंटरनेशलन लिमिटेड के साथ हाथ मिलाया
  • कोरोनावायरस की वैक्सीन को विकसित करने के लिए मिलिया हाथ
  • ‘उप-प्रकार’ को एनआईवी से सफलतापूर्वक बीबीआईएल भेज दिया गया
नई दिल्ली:

कोरोनावायरस (Coronavirus Vaccine) की वैक्सीन को विकसित करने के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने भारतबायोटेक इंटरनेशलन लिमिटेड के साथ हाथ मिलाया है. एक बयान के अनुसार टीके का विकास आईसीएमआर के पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) में अलग किए गए वायरस के ‘उप-प्रकार' का इस्तेमाल कर किया जएगा. इसने कहा कि ‘उप-प्रकार' को एनआईवी से सफलतापूर्वक बीबीआईएल भेज दिया गया है. स्वास्थ्य अनुसंधान इकाई ने बयान में कहा, ‘‘दो साझेदारों के बीच टीके के विकास पर काम शुरू हो चुका है. आईसीएमआर-एनआईवी टीके के विकास के लिए बीबीआईएल को सतत मदद उपलब्ध कराएगा.''

बता दें कि आईसीएमआर ने कोविड-19 से जुड़ी जटिलताओं को सीमित करने के मकसद से इस बीमारी से स्वस्थ हुए व्यक्ति के प्लाज्मा के प्रभाव का आकलन करने के लिए 21 संस्थानों को एक अध्ययन में शामिल होने की स्वीकृति पहले ही दे दी थी. अधिकारियों ने बताया था कि इस अध्ययन में 452 नमूने शामिल किये जाएंगे. इसमें 400 नमूनों का पंजीकरण होने के बाद कोई नया संस्थान नहीं जोड़ा जाएगा. आईसीएमआर ने केंद्रीय स्तर पर क्लीनिकल परीक्षण जवाबदेही बीमा खरीदा है. इस थेरेपी में कोविड-19 से उबर चुके व्यक्ति के रक्त प्लाज्मा से एंटीबॉडी लेकर उन्हें कोरोना वायरस के रोगी के शरीर में चढ़ाया जाता है जिससे संक्रमण से लड़ने में प्रतिरोधी क्षमता काम करना शुरू कर सकती है.

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