सुप्रीम कोर्ट में ICSE बोर्ड ने कहा- रद्द होंगी 10वीं, 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं, बाद में परीक्षा का विकल्प नहीं दिया जाएगा

सुप्रीम कोर्ट ने ICSE द्वारा आयोजित परीक्षा भी रद्द करने का आदेश दिया. ICSE ने सुप्रीम कोर्ट को कहा कि हम परीक्षा रद्द करने के लिए सहमत हैं.

सुप्रीम कोर्ट में ICSE बोर्ड ने कहा- रद्द होंगी 10वीं, 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं, बाद में परीक्षा का विकल्प नहीं दिया जाएगा

प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने ICSE द्वारा आयोजित परीक्षा भी रद्द करने का आदेश दिया है. ICSE ने सुप्रीम कोर्ट को कहा कि हम परीक्षा रद्द करने के लिए सहमत हैं. महाराष्ट्र राज्य ने बॉम्बे HC को बताया है कि वे परीक्षा आयोजित नहीं कर सकते. इसलिए अब ICSE बोर्ड की परीक्षाएं भी रद्द कर दी गई है. इसमें आंतरिक मूल्यांकन प्रणाली का पालन होगा. हालांकि ICSE ने बाद में परीक्षा देने का विकल्प नहीं रखा है. सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को आदेश पारित करना चाहिए कि इस मामले के बारे में मामला SC में आना चाहिए न कि हाईकोर्ट में.

जुलाई महीने में बोर्ड की बची हुई परीक्षाएं होनी थीं, जिसके खिलाफ अभिभावकों की ओर से याचिकाएं डाली गई थी. इसमें कहा गया था कि कोविड-19 के संक्रमण के बीच बोर्ड को ये परीक्षाएं रद्द कर देनी चाहिए. बता दें कि काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE) ने कुछ समय पहले ही 10वीं और 12वीं के बचे हुए पेपर्स की परीक्षा के लिए शेड्यूल जारी किया था. ये परीक्षाएं जुलाई में होने वाली थीं. टाइम टेबल के अनुसार, ICSE बोर्ड की परीक्षा 1 जुलाई से 14 जुलाई तक संचालित होनी थीं. लेकिन इन परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया है, यानी परीक्षाएं आयोजित नहीं की जाएंगी. 

क्या है पूरा मामला?
दरअसल, महाराष्ट्र राज्य में कोरोनावायरस के तेजी से बढ़ते हुए मामले देखकर बॉम्बे हाई कोर्ट ने पिछले हफ्ते राज्य सरकार को निर्देश दिए थे कि वो स्पष्ट करें कि राज्य में ICSE बोर्ड को 10वीं और 12वीं की पेंडिंग परीक्षाएं आयोजित करने के लिए अनुमति देते हैं या नहीं. कोर्ट ने राज्य सरकार से परीक्षाओं को लेकर उनका स्टैंड क्लियर करने के लिए कहा था. इसपर सरकार ने कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (ICSE) बोर्ड को COVID-19 स्थिति के मद्देनजर जुलाई में 10वीं और 12वीं क्लास की पेंडिंग परीक्षाएं आयोजित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. 

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वहीं, इससे पहले ICSE बोर्ड ने बॉम्बे हाई कोर्ट के सामने अपना प्रस्ताव रखा था कि 10वीं और 12वीं क्लास के स्टूडेंट्स अगर चाहें तो परीक्षाओं को छोड़ सकते हैं. परीक्षा न देने का विकल्प चुनने वाले स्टूडेंट्स का रिजल्ट प्री- बोर्ड एग्जाम की परफॉर्मेंस या इंटरनल असेसमेंट के आधार पर जारी किया जाएगा.