यदि नोटबंदी से लोग दुखी होंगे, तो उनके पास 2019 में मोदी बदलने का मौका : अनुपम खेर

यदि नोटबंदी से लोग दुखी होंगे, तो उनके पास 2019 में मोदी बदलने का मौका : अनुपम खेर

बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर (फाइल फोटो)

भोपाल:

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नोटों का विमुद्रीकरण करने के फैसले का समर्थन करते हुए मशहूर अभिनेता अनुपम खेर ने सोमवार को कहा कि यदि लोगों को इससे कोई समस्या होगी, तो उनके पास वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में इस सरकार को बदलने का मौका है.

500 व 1000 रुपये के नोटों को अमान्य करने के कदम पर पूछे गये एक सवाल में खेर ने संवाददाताओं को बताया, ‘कोई व्यक्ति चीजों को बेहतर करने का प्रयास कर रहे हैं, हमें उन्हें रोकना नहीं चाहिए. फिर भी यदि हम इतने दुखी होंगे, तो वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं, अगली बार (भाजपा सरकार को) सत्ता में नहीं आने देंगे. उन्हें पांच साल तो काम करने दीजिए.’

खेर यहां तीन दिवसीय ‘लोक मंथन’ कार्यक्रम के समापन समारोह में भाग लेने आये थे, जिसे मध्यप्रदेश सरकार, भारत भवन और प्रज्ञा प्रवाह द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था. जब उनसे पूछा गया कि अमान्य नोटों को बदलने के लिए लोग लंबी-लंबी कतारों में खड़े होने के लिए बाध्य हो रहे हैं, तो उन्होंने कहा, ‘आप फिल्म की टिकटें खरीदने के लिए भी तो लाइन में खड़े होते हो.’

खेर ने बताया कि किसी की आलोचना करना तो बहुत आसान है. किसी के द्वारा यह करना सबसे सरल चीज है, जबकि तारीफ करना बहुत मुश्किल है, लेकिन जो तारीफ करने की चीज है उसे करना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘यदि लोग सोचते है कि भ्रष्टाचार एवं कालाधन बहुत बड़ी समस्या है, तो हमें इस कदम (नोटों का विमुद्रीकरण) की तारीफ करनी चाहिए.’

खेर ने बताया कि 500 और 1000 के नोट बंद करने का यह कदम पाकिस्तान से हमारे देश में भेजे जा रहे जाली नोटों की समस्या को भी खत्म कर देगा. अभिनेता ने यह भी स्पष्ट किया कि वह मोदी की तारीफ इसलिए नहीं कर रहे हैं, क्योंकि उनकी पत्नी भाजपा सांसद हैं.

लेकिन उनका मानना है कि उन्हें इस कदम का देश के हित में रचनात्मक तरीके से समर्थन करना चाहिए. एक किसान का उदाहरण दिया जिसने एक फिल्म में एक सीन के लिए अपनी गाय दी थी और इसकी शूटिंग के लिए बहुत ज्यादा वक्त लग गया था, पर खेर ने कहा कि यह गाय हमें आठ बजे से 10 बजे के लिए चाहिए थी, लेकिन ज्यादा समय लगा. इससे किसान परेशान होने लगा था, लेकिन जब उन्होंने नोट बदलने वाली व्यवस्था की बात की, तो वह भी इससे सहमत दिखा.

खेर ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की भी आलोचना की, जिन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाकर दिल्ली में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में 70 में से 67 सीटें जीती थीं. उन्होंने कहा, ‘पिछले दो-ढाई साल से दूसरों पर उंगलियां उठाने के अलावा केजरीवाल कुछ नहीं कर रहे हैं.’ विस्थापित कश्मीरी पंडितों के समस्या का जिक्र करते हुए खेर ने बताया कि यदि देश के लोगों ने इस समस्या को भी ठीक इसी तरह से उठाया होता, तो अब तक इसका भी हल निकल गया होता.

उन्होंने आपातकाल एवं वर्ष 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों सहित कई मुद्दों का जिक्र करते हुए कहा, ‘समस्या यह है कि पिछले 60 साल हम कई मुद्दों पर चुप रहे.’ इससे पहले एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए खेर ने बताया, ‘आजकल यदि आप देशभक्ति की बात करते हैं, तो कुछ लोगों को इससे तकलीफ होनी शुरू हो जाती है.’ असहिष्णुता की बात छेड़ते हुए उन्होंने कहा कि इसे बेवजह उठाया गया था.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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