यह ख़बर 13 सितंबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

यौन उत्पीड़न के आरोप में जेल में बंद आसाराम के आश्रम पर चला हथौड़ा

खास बातें

  • नासिक में गंगापुर रोड पर बने आसाराम के एक आश्रम के अवैध हिस्से को नासिक महानगर पालिका ने हटा दिया। वहीं, राजस्थान के भीलवाड़ा शहर के पास हरनी खुर्द गांव में आसाराम के आश्रम में गैरकानूनी तरीके से बने हिस्से को गिरा दिया गया है।
नासिक / जोधपुर:

एक नाबालिग लड़की के यौन उत्पीड़न के मामले में जेल में बंद आसाराम के आश्रमों पर सरकार का हथौड़ा पड़ना शुरु हो गया है। गुरुवार को नासिक में गंगापुर रोड पर बने आशाराम के एक आश्रम के अवैध हिस्से को नासिक महानगर पालिका ने हटा दिया।

जब महानगरपालिका के कर्मचारी आश्रम पहुंचे, तो आसाराम के भक्तों खासकर महिलाओं ने जोरदार विरोध किया। पुलिस के समझाने पर भी जब महिलाएं नहीं मानीं, तो पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा।

वहीं, राजस्थान के भीलवाड़ा शहर के पास हरनी खुर्द गांव में आसाराम के आश्रम में गैरकानूनी तरीके से बने हिस्से को गिरा दिया गया है। आश्रम को तीन बीघा जमीन मिली थी, लेकिन उसने पांच बीघा जमीन पर कब्जा जमा लिया था। कब्जा की गई जमीन को वापस लेने के लिए जिला प्रशासन ने कार्रवाई की।

उधर, जोधपुर की स्थानीय अदालत ने आसाराम की सहयोगी शिल्पी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। आसाराम पर चल रहे नाबालिग लड़की पर यौन हमले के मामले में शिल्पी भी आरोपी है। वह आसाराम के छिंदवाड़ा आश्रम के गुरुकुल की वार्डन है। उस पर आरोप हैं कि उसी ने पीड़ित लड़की को आसाराम के पास जोधपुर भेजा था।

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शिल्पी ने अपनी जमानत याचिका में कहा था कि उसके खिलाफ पुलिस के पास सबूत नहीं है, लेकिन कोर्ट ने उसकी याचिका खारिज करते हुए कहा कि उसके खिलाफ सबूत मौजूद हैं।