IMF ने बताया कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर क्यों है उम्मीद से कम

आईएमएफ ने गुरुवार को कहा कि कॉरपोरेट एवं पर्यावरणीय नियामक की अनिश्चितता एवं कुछ गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की कमजोरियों के कारण भारत की आर्थिक वृद्धि उम्मीद से 'काफी कमजोर' है.

IMF ने बताया कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर क्यों है उम्मीद से कम

फाइल फोटो

नई दिल्ली:

आईएमएफ ने गुरुवार को कहा कि कॉरपोरेट एवं पर्यावरणीय नियामक की अनिश्चितता एवं कुछ गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की कमजोरियों के कारण भारत की आर्थिक वृद्धि उम्मीद से 'काफी कमजोर' है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने हालांकि कहा कि इसके बावजूद भारत चीन से बहुत आगे और विश्व की सबसे तेजी से विकास करने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था बना रहेगा. आईएमएफ प्रवक्ता गेरी राइस ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'हम नए आंकड़े पेश करेंगे लेकिन खासकर कॉरपोरेट एवं पर्यावरणीय नियामक की अनिश्चितता एवं कुछ गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की कमजोरियों के कारण भारत में हालिया आर्थिक वृद्धि उम्मीद से काफी कमजोर है.' 

देश आर्थिक मंदी की ओर, सरकार राजनीतिक बदले का एजेंडा छोड़े और अर्थव्यवस्था संभाले : मनमोहन सिंह

आपको बता दें कि अप्रैल से से जून की तिमाही में भारत का विकास दर पिछले सात सालों में सबसे कम 5 फीसदी रही है जो कि पिछले साल में 8 फीसदी थी. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने साल 2019-2020 के लिए भारत के आर्थिक विकास दर को 0.3 फीसदी कम कर दिया है. इसकी वजह  घरेलू मांग में कमी बताई है. आईएमएफ की रिपोर्ट में वित्तीय साल 2021 के लिए विकास दर 7.5 फीसदी आंकी गई थी लेकिन अब इसे 7.2 फीसदी तक बताई जा रही है.

डिजिटल अर्थव्यवस्था का अराजक विस्तार और आर्थिक मंदी

भारत सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक मैन्युफैक्चरिंग और कृषि के क्षेत्र में गिरावट के चलते आर्थिक विकास दर  में गिरावट आई है. गौरतलब है कि साल 2012-2013 में भी भारत की विकास दर 4.9 फीसदी थी. 

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com


 



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)