वोट के सौदे से बाहर निकलकर विकास के मसौदे पर चल पड़ी है देश की सियासत : नकवी

वोट के सौदे से बाहर निकलकर विकास के मसौदे पर चल पड़ी है देश की सियासत : नकवी

मुख्तार अब्बास नकवी (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मंगलवार को कहा कि देश की सियासत वोट के सौदे से बाहर निकल कर विकास के मसौदे पर चल पड़ी है. उन्होंने कहा, हमें गरीबों, कमजोर तबकों, अल्पसंख्यकों के विकास को ही प्राथमिकता देनी होगी, क्योंकि विकास का एजेंडा ही किसी भी प्रकार के नकारात्मक एजेंडे को परास्त कर सकता है.

नेशनल माइनॉरिटीज डेवलपमेंट एंड फाइनेंस कॉरपोरेशन (एनएमडीएफसी) के सम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान नकवी ने कहा कि अपने पिछले लगभग 28 महीनों के शासनकाल में अल्पसंख्यकों के सशक्तिकरण को अमली जामा पहनाने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने जो सफलता हासिल की है उसके कारण पिछले कई दशकों से तथाकथित सेक्युलरिज्म के चैंपियनों द्वारा अपनाई जा रही 'विघटनकारी राजनीति' का स्थान 'विकास आधारित राजनीति' ने ले लिया है.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अल्पसंख्यकों का सामाजिक-आर्थिक-शैक्षिक सशक्तिकरण एवं समुदाय के लोगों में विकास-विश्वास एजेंडे को ले जाना हमारा संकल्प है और इसी संकल्प को जमीनी हकीकत बनाने के लिए अल्पसंख्यक मंत्रालय सफलता के साथ आगे बढ़ रहा है.

उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों के लिए नई-नई योजनाएं शुरू करने से ज्यादा महत्वपूर्ण है, चल रही योजनाओं को जमीन पर असरदार तरीके से लागू करना. यही मोदी सरकार की कोशिश है.

नकवी ने कहा कि केंद्र की एनडीए सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाएं जैसे 'सीखो और कमाओ', 'नई मंजिल, नई रोशनी' अल्पसंख्यकों के सशक्तिकरण की गारंटी हैं. इसके अलावा केंद्र सरकार की अन्य योजनाओं जैसे 'मेक इन इंडिया', 'स्किल इंडिया', 'प्रधानमंत्री जन धन योजना', 'मुद्रा योजना', 'उज्ज्वला योजना' से भी अल्पसंख्यकों को भरपूर लाभ मिल रहा है.

अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने कहा कि अल्पसंख्यकों के लिए शुरू योजनाओं को लागू किए जाने में किसी तरह की कोताही बिलकुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी. योजनाएं कागज पर नहीं बल्कि जमीन पर नजर आनी चाहिए. इस सन्दर्भ में अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है. उन्हें अपने दफ्तर से निकल कर लोगों के बीच जाना होगा, ताकि हर कल्याणकारी योजना असरदार तरीके से लागू हो सके. इसकी मॉनिटरिंग करनी होगी, ताकि उसका लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंच सके.

नकवी ने कहा कि एनएमडीएफसी की योजनाओं एवं कार्यक्रमों के बारे में और अधिक ठोस प्रयास करने की जरूरत है. इसके लिए जागरुकता शिविर लगाए जाने चाहिए. हमें प्रक्रियाओं को और सरल बनाने के साथ-साथ ऋण मंजूरी में लगने वाले समय को भी कम करने की जरूरत है.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एनएमडीएफसी ने अपनी योजनाओं को लागू करने के लिए कई कदम उठाए हैं. लाभार्थियों के चयन के लिए आधार संख्या और केवाईसी मानदंडों का प्रयोग, आवेदकों द्वारा अपने प्रमाणपत्रों को खुद ही सत्यापित करना और लाभार्थी के बैंक खाते में ऋण का सीधा हस्तांतरण जैसे कुछ ऐसे कदम हैं, जिससे निगम लाभार्थियों के लिए अपनी योजनाओं को और अधिक पारदर्शी और सरल बनाने में कामयाब रहा है.

नकवी ने इस अवसर पर एनएमडीएफसी द्वारा अपनी योजनाओं की जानकारी आसानी से आम जन तक पहुंचाने के लिए टोल फ्री नंबर की शुरुआत की, साथ ही एनएमडीएफसी की पत्रिका 'परवाज़' के पहले उर्दू संस्करण का विमोचन भी किया.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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