'नोटबंदी पर नया अध्यादेश' और 'यूपी में सपा का घमासान' बना आज के अख़बरों की सुर्खियां

'नोटबंदी पर नया अध्यादेश' और 'यूपी में सपा का घमासान' बना आज के अख़बरों की सुर्खियां

नई दिल्ली:

आज 29 दिसंबर, गुरुवार को प्रकाशित हिंदी के प्रमुख समाचार पत्रों ने अपने पहले पन्नों पर पुराने नोटों को रखने के नए अध्यादेश, कानपुर में रेल हादसा, यूपी में समाजवादी पार्टी में टिकट वितरण को लेकर मचा घमासान और आईओए के पद पर कलमाड़ी और चौटाला की नियुक्ति के बाद आए राजनीति भूचाल की ख़बरों को चित्र समेत लगाया है.

देशबंधु अख़बार ने लिखा है- 'पुराने नोट मिले तो जाओगे जेल'. अख़बार की ख़बर के मुताबिक केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 31 दिसंबर के बाद तय सीमा से ज्यादा पुराने नोट रखने को गैर कानूनी करार देने के अध्यादेश को मंजूरी दे दी है. इस अध्यादेश के अनुसार अगर किसी व्यक्ति के पास एक तय सीमा से अधिक 500 और 1000 के पुराने नोट पाए जाते हैं तो उसे 4 साल तक की जेल हो सकती है.

देशबंधु ने ही रायपुर से नोटबंदी के हालात पर एक बड़ी ख़बर लगाई है- 'पीएम की मियाद पूरी, लोगों की आस अधूरी'. इसमें 50 दिनों के भीतर नोटबंदी से उपजे हालात को आंकड़ों और चित्रों के साथ पेश किया गया है.
 

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साथ ही इसी अख़बार में कार्यस्थलों पर कामकाजी महिलाओं के साथ होने वाले यौन उप्पीड़न पर सरकार के नए दिशा-निर्देश के समाचार को जगह देते हुए लिखा है- 'महिलाओं के यौन उत्पीड़न पर होगी तुरंत कार्रवाई'. अख़बार लिखता है कि इस तरह के मामलों की सुनवाई 3 से 9 दिन में पूरी करने के सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने निर्देश जारी किए हैं.
 
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जनसत्ता ने अपने संपादकीय पन्ने पर मनोज कुमार के लेख 'सपनों के बाजार में' को जगह दी है. इसमें लेखक ने इलेक्ट्रानिक मीडिया और सोशल मीडिया को सपने बेचने वालों की संज्ञा दी है. लेखक लिखता है कि नए बाजार ने सपनों को सामान बना दिया है. महंगा मोबाइल फोन, महंगी बाइक युवाओं के सपने बन गए हैं और किताबों की दुनिया सिकुड़ती चली जा रही है.

राष्ट्रीय सहारा ने बंगाल केमिकल्स के निजीकरण को अपनी पहली ख़बर बनाया है. सहारा ने लिखा है- 'बंगाल केमिकल्स के निजीकरण को हरी झंडी', केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश की पहली फार्मा कंपनी बंगाल केमिकल्स एंड फार्मास्युटिकल्स लि. के साथ औषधि क्षेत्र की सार्वजनिक कंपनी हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स लि. को बेचने की मंजूरी दे दी है.

 
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इसके अलावा राष्ट्रीय सहारा ने नोटबंदी पर राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री से पूछे गए 10 सवालों को भी अपनी प्रमुख ख़बर बनाया है.

दैनिक जागरण ने 'अखिलेश की नहीं चली, कई चहेतों का पत्ता साफ' शीर्षक से यूपी में सपा के घमासान को प्रमुखता के साथ छापा है. ख़बर में बताया गया है कि सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने आगामी विधानसभा चुनावों में 325 पार्टी प्रत्याशियों की सूची जारी की है. इसमें अखिलेश के चहेतों को जगह नहीं मिली है.
 
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हरिभूमि अख़बार ने ओलंपिक संघ में बीते दो दिनों से चल रहे घमासान को शीर्ष ख़बरों में जगह दी है. अख़बार ने लिखा है- 'कलमाड़ी के चयन पर अब भी सियासी खेल'. ख़बर में विभिन्न राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं भी दी हैं.
वहीं इस पत्र ने नोटबंदी की एक आकलन रिपोर्ट पेश करते हुए हैडिंग दी है- 'बिना तैयारी बड़ा फैसला.' ख़बर के आखिर में सब की राय पेश करते हुए अख़बार लिखता है- मोदी के साहस को सलाम परन्तु भविष्य में बड़े फैसलों से पहले आम आदमी की तकलीफ का रखें ध्यान.
 
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अमर उजाला अख़बार ने गोद लिए बच्चों के हक़ में आए एक बड़े फैसले को पहले पन्ने पर प्रकाशित किया है. चंडीगढ़ से प्रकाशित इस ख़बर में पत्र लिखता है- 'गोद लिया बेटा भी अनुकंपा पर नौकरी पाने का हकदार'.
 
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इसके साथ ही अख़बार ने अपने विचार पन्ने पर 'मंजिलें और भी हैं' नामक कॉलम में शीर्षक दिया है- 'इस चूल्हे से बनी रहेगी हिमालय की सेहत.' ख़बर में रसेल कॉलिन्स अपने अनुभव साझा करते हुए हिमालय की महिलाओं को चूल्हा जलाने के लिए होने वाली मुश्किलों के बारे में लिखा है. साथ में उन्होंने महिलाओं की परेशानी और इससे होने वाले प्रदूषण को कम करने लिए 'हिमालयन रॉकेट स्टोव' की खोज का उल्लेख किया है.
 
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रसेल बताते हैं कि इस अनोखे स्टोव से 5 गुना कम जलावन की लकड़ी खर्च होगी तथा महिलाओं को धूंआ भी कम लगेगा.

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