चुनावी साल में यूपी सरकार ने आगरा को दिया खास तोहफा, ताजमहल के पास बनेगा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट

चुनावी साल में यूपी सरकार ने आगरा को दिया खास तोहफा, ताजमहल के पास बनेगा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट

नई दिल्ली:

आज़ादी के 70 साल बीत चुके हैं, लेकिन हवाई सेवाएं ताजमहल के शहर आगरा तक नहीं पहुंची हैं, और आगरा पहुंचने का रास्ता आज भी दिल्ली से होकर गुज़रता है. लाखों विदेशी पर्यटक हवाई सफर कर दिल्ली उतरते हैं, और फिर रेल या सड़क मार्ग से 200 किलोमीटर का सफर करते हैं. वैसे, आगरा में एक हवाईअड्डा है, जो द्वितीय विश्वयुद्ध के समय से वायुसेना के पास ही है, और देश के बड़े रक्षा संस्थानों में उसका शुमार होता है. बहरहाल, अब इस एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है.

उत्तर प्रदेश सरकार ने घोषणा की है कि वह इसके लिए 150 एकड़ भूमि उपलब्ध कराएगी और इसके विस्तार के लिए बिल भी लाएगी. सिर्फ रनवे के उन्नयन पर ही करीब 100 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान है. यह पूरा काम वायुसेना की देखरेख में होगा.

उत्तर प्रदेश में अगले साल की शुरुआत में ही विधानसभा चुनाव होने हैं और राज्य की अखिलेश यादव सरकार जल्द से जल्द इस परियोजना पर काम शुरू करना चाहती है. वैसे बता दें कि हवाई अड्डा और हाईकोर्ट की बेंच पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मतदाताओं की दो बड़ी मांगों में से हैं.

आगरा में जिला स्तर के अधिकारियों का कहना है कि भूमि अधिग्रहण में कोई दिक्कत नहीं होगी. क्योंकि सरकार ने पहले से ही वहां मौजूद वायुसेना एयरबेस के आसपास के 350 भू-स्वामियों से सहमति ले ली है. उन्होंने कहा कि जो भूमि एयरपोर्ट के लिए चाहिए वह एक महीने से भी कम समय में उपलब्ध हो जाएगी.

राज्य के मुख्य सचिव दीपक सिंघल ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा, 'मैं पहले ही साइट का दौरा कर चुका हूं. काम जल्द ही शुरू हो जाएगा और हमारी योजना है कि इसे मार्च 2017 तक पूरा कर दिया जाए.'

वर्तमान में आगरा सड़क और रेल मार्ग से तो जुड़ा हुआ है, लेकिन आजादी के 7 दशक बाद भी वाणिज्यिक उड़ान सेवाओं के नहीं होने से पर्यटन उद्योग पर नकारात्मक असर पड़ा है.

राज्य पर्यटन के एक बड़े अधिकारी ने कहा, 'पर्यटक दिल्ली में उतरते हैं और उनकी यात्रा को दिल्ली के बड़े टूर ऑपरेटर मैनेज करते हैं.' अधिकारियों ने अपनी बात को साबित करने के लिए कुछ गंभीर सांख्यिकीय आंकड़े भी रखे. उन्होंने कहा, हर साल करीब 65 लाख भारतीय और 7 लाख विदेशी पर्यटक अकेले ताज देखने आते हैं. आगरा को 50 वर्ग किलोमीटर में तीन विश्व धरोहर (ताजमहल, आगरा का किला और फतेहपुर सिकरी) स्थलों के होने का अद्वितीय गौरव हासिल है. फिर भी 10 फीसदी से अधिक पर्यटक आगरा में नहीं रुकते.

लगता है मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने पैतृक गांव सैफई को चुनाव से पहले एक और तोहफा देना चाहते हैं. पिछले ही हफ्ते रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने सैफई एयरपोर्ट पर कार्गो टर्मिनल बनाने पर चर्चा की है. बता दें कि इस एयरपोर्ट का निर्माण कुछ साल पहले उस वक्त हुआ था, जब सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव सूबे के मुख्यमंत्री थे. विमानों के रखरखाव और मरम्मत के लिए एक युटिलिटी बनाने और फ्लाईंग क्लब बनाने पर भी चर्चा हुई थी.

ऐसा भी नहीं है कि सिर्फ समाजवादी पार्टी ही बुनियादी ढांचे के निर्माण और उन्नयन के जरिए मतदाताओं को रिझाने की फिराक में हो. इस मामले में बीजेपी भी पीछे नहीं है. बीजेपी भी इसके जरिए इस महत्वपूर्ण राज्य में अपनी खोई जमीन फिर से हासिल करना चाहती है.

इसी के साथ वायुसेना ने ललितपुर जिले में 273 एकड़ के बंद पड़े रनवे को भी पुनर्जीवित करने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है. रक्षा मंत्रालय इतनी ही जमीन कहीं अन्य जगह पर मुहैया कराने की स्थिति में यह पूरी जमीन राज्य सरकार को देने को तैयार है. जिससे यहां सेना और सरकार के विमान उतर सकें और फ्लाईंग क्लब की शुरुआत हो सके.


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