यह ख़बर 06 अक्टूबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

हरियाणा में चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी ने उठाया वाड्रा भूमि सौदे का मुद्दा

हिसार:

रॉबर्ट वाड्रा और डीएलएफ के बीच भूमि सौदे को मुख्यमंत्री भूपिन्दर सिंह हुड्डा की मंजूरी पर चुनाव आयोग से गंभीर संज्ञान लेने का आग्रह करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आरोप लगाया कि 15 अक्तूबर को हरियाणा विधानसभा चुनाव में ‘निश्चित पराजय’ को देखते हुए यह जल्दबाजी में किया गया है।

मोदी ने एक चुनावी रैली में कहा, वे (हुड्डा सरकार) जानते हैं कि चुनाव के बाद दामाद (वाड्रा) के अवैध सौदों को मंजूरी नहीं मिलेगी। इसलिए चुनाव प्रक्रिया के बीच में उन्होंने ऐसा निर्णय करने का दुस्साहस किया है। प्रधानमंत्री ने कहा, मैं समझता हूं कि हुड्डा पर शीर्ष स्तर (कांग्रेस नेतृत्व) से ऐसा फैसला करने के लिए दबाव डाला गया था। मोदी ने उम्मीद जाहिर कि चुनाव आयोग राज्य सरकार के इस निर्णय पर गंभीर संज्ञान लेगा।

सोनिया गांधी के दामाद से जुड़े कथित भूमि सौदे के विषय को उठाते हुए उन्होंने कहा,  मैं उम्मीद करता हूं कि वे किसी तरह के आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के संदर्भ में उपयुक्त कार्रवाई करेंगे।

समझा जाता है कि हुड्डा सरकार ने भूमि सौदे को वैध ठहराया है और राज्य के पूर्व महानिदेशक अशोक खेमका के आदेश को अवैध करार दिया। खेमका ने गुडगांव में जमीन के दाखिल खारिज (म्यूटेशन) को रद्द कर दिया था। मोदी ने कहा, हुड्डा सरकार के इस निर्लज्ज निर्णय से स्पष्ट है कि वह और कांग्रेस पार्टी दोनों हरियाणा में हार पहले ही स्वीकार कर चुके हैं। मोदी ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और इनेलो नेता ओम प्रकाश चौटाला पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग जेल से हरियाणा के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने का सपना देख रहे हैं।

उन्होंने कहा,  मुझे जेल से समर्थन की जरूरत नहीं है। मुझे गुंडों के समर्थन की जरूरत नहीं है, जो जेल में हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग उनके साथ पुरानी फोटो लेकर झूठ फैला रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार को देश के सवा सौ करोड़ लोगों का समर्थन प्राप्त है।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

वंशवाद की राजनीति के कारण हरियाणा के बर्बाद होने का जिक्र करते हुए मोदी ने भाजपा कार्यकर्ताओं से ऐसे नेताओं के खिलाफ संषर्घ करने को कहा, जो केवल अपने संबंधियों के लिए काम करते हैं।