यह ख़बर 08 दिसंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

साध्वी निरंजन ज्योति को लेकर संसद में जारी गतिरोध खत्म

नई दिल्ली:

साध्वी निरंजन ज्योति की विवादास्पद टिप्पणियों के मुद्दे पर राज्यसभा में पिछले एक सप्ताह से चला आ रहा गतिरोध आज सभापति द्वारा एक प्रस्ताव पढ़ने के बाद समाप्त हो गया। प्रस्ताव में संसद के सभी सदस्यों, मंत्रियों और सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से सार्वजनिक बयानों में हर कीमत पर शिष्टता बरतने की बात कही गई है।

इस तरह के बयान को लेकर विपक्ष की मांग पर आज अंतत: सहमति बन गई और उच्च सदन में तीन बार के स्थगन के बाद प्रश्नकाल के दौरान सभापति द्वारा यह बयान पढ़े जाने के पश्चात सदन में सामान्य ढंग से कामकाज चलने लगा।

सभापति हामिद अंसारी ने एक प्रस्ताव पढ़ा, जिसमें सार्वजनिक बयानों में हर कीमत पर शिष्टता बरतने की बात कही गई है ताकि संसदीय कामकाज को सफलतापूर्वक चलाया जा सके और संवैधानिक मूल्यों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को बरकरार रखा जा सके।

सभापति ने इस प्रस्ताव में कहा कि सदन इस सभा में 4 दिसंबर को प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए बयान पर सहमति जताते हुए संसद के सभी सदस्यों, मंत्रियों और सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से अपील करता है कि संसदीय लोकतंत्र को सफलतापूर्वक चलाने की खातिर एवं संवैधानिक मूल्यों के लिए हमारी प्रतिबद्धता को बरकरार रखने के मकसद से सार्वजनिक वक्तव्यों में हर कीमत पर शिष्टता कायम रखी जाए।

वहीं लोकसभा में इस मुद्दे पर बने गतिरोध के आज समाप्त होने का संकेत देते हुए कांग्रेस सहित तृणमूल कांग्रेस, वामदल, सपा, राजद तथा अन्य दलों ने प्रश्नकाल में हिस्सा लिया। सरकार ने सदन की कार्यवाही चलाने में सहयोग के लिए विपक्ष को धन्यवाद दिया।

सदन की कार्यवाही शुरू होने पर लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा कि आप (अध्यक्ष) हमारी संरक्षक है, हम बार बार एक बात को नहीं उठाना चाहते और सदन की कार्यवाही बाधित नहीं करना चाहते। हमारी इच्छा थी कि साध्वी निरंजन ज्योति से जुड़े विषय पर प्रधानमंत्री कुछ बातें स्पष्ट करें। लेकिन हमारा माइक बंद कर दिया गया और कार्यवाही में बात भी नहीं आई।

उन्होंने कहा,  हम चाहते हैं कि सभी सदस्यों को बात कहने का मौका मिलना चाहिए। हम सदन चलाना चाहते हैं और ठीक ढंग से चलाएंगे। अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा, मैंने आपकी बात सुनी। स्पीकर जिसको अनुमति देते हैं, उनका ही माइक चलता है। अच्छी बात है कि सदन चलाना चाहते हैं। आगे हम एक-दूसरे को सहयोग करके सदन चलाएं। पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस सहित कई विपक्षी दल साध्वी मुद्दे पर सरकार के रुख के प्रति अपना असंतोष प्रकट करने के लिए सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले रहे थे।

संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा, मैं खडगेजी को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने सदन की कार्यवाही चलाने की बात कही है। उस दिन प्रधानमंत्री और खडगेजी ने जो बात कही वह कार्यवाही में आई है और उसके बाद जो बात कही वह नहीं आई।

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उन्होंने कहा, विपक्ष ने प्रधानमंत्री से बयान देने की मांग की थी। प्रधानमंत्री ने बयान दे दिया। अब काफी काम है, कई सदस्यों ने नोटिस दिया है। अब इसे समाप्त करके सदन को चलाएं।