लॉकडाउन में रोजी-रोटी पर पड़ा संकट तो ट्रांसजेंडर समूह ने खोला किचन, कहा- 'जरूरी है कि आत्मनिर्भर बनें'

एक नई पहल करते हुए तमिलनाडु के कोयंबटूर में ट्रांसजेंडर समाज के लोगों ने एक किचन की शुरुआत की है.

लॉकडाउन में रोजी-रोटी पर पड़ा संकट तो ट्रांसजेंडर समूह ने खोला किचन, कहा- 'जरूरी है कि आत्मनिर्भर बनें'

तमिलनाडु के कोयंबटूर में ट्रांसजेंडर समाज के लोगों ने एक किचन की शुरुआत की.

कोयंबटूर:

एक नई पहल करते हुए तमिलनाडु के कोयंबटूर में ट्रांसजेंडर समाज के लोगों ने एक किचन की शुरुआत की है. ''कोवई ट्रांस किचन'' में एक वक्त में 30 से अधिक लोगों को एकसाथ भोजन कराया जा सकता है. गौरतलब है कि ये पहल एक ऐसे समय की गई जब कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते ट्रांसजेंडर समाज के लोगों की रोजी-रोटी को बड़ा झटका लगा. 

कोरोना के चलते बहुत से ट्रांसजेंडर लोगों को अपने काम से हाथ धोना पड़ा जिसके बाद इस सामूहिक किचन की पहल की गई. इस किचन में न सिर्फ लोगों को भोजन कराया जाता है बल्कि खाना डिलीवर करने का काम भी किया जाता है. ट्रांसजेंडर समाज के लोगों की पहल को काफी सकारात्मक तौर पर देखा जा रहा है.

दरअसल, तमिलनाडु के एक ट्रांसजेंडर समूह ने मिलकर ''कोवई ट्रांस किचन'' की शुरुआत की है. कोयंबटूर ट्रांसजेंडर एसोसिएशन की अध्यक्ष संगीता ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, ''इस किचन के अलावा हमारी संस्था ने एक और किचन खोलने की सोची है, यह बहुत जरूरी है कि हमारे समाज के लोग भीख मांगना छोड़ , आत्मनिर्भर बनें.'' 

बता दें कि संगीता खुद लंब अरसे से किचन चला रही हैं. संगीता ने बताया कि किचन की शुरुआत करने में सबसे बड़ी समस्या ये आ रही थी कि उनके पास किचन खोलने के लिए जगह नहीं थी, खासकर कोई ट्रांसजेंडर को किराए पर जगह नहीं देना चाहता था. 

संगीता का कहना है, ''ये किचन तमिलनाडु में अपने आप में इकलौता किचन है. शुरुआत में कई सवाल किए गए कि आखिर हम लोग अपने बूते किचन की शुरुआत कैसे कर सकते हैं? लेकिन आखिर में हमारे वकीलों की मदद से हमने किचन के लिए एक जगह पा ही ली.'' 

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संगीता ने बताया कि किचन में काम करने वाले लोग प्रशिक्षित हैं. वे जल्द ही एक नई यूनिट भी खोलेंगे, इस काम में उन्हें स्थानीय लोगों से बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है. मीडिया ने भी उनके काम को काफी सराहा है.