रियल एस्‍टेट सेक्‍टर में डिमांड बढ़ाने के लिए डेवलपर्स और होम बायर्स को आयकर राहत की घोषणा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने दो करोड़ रुपये तक की आवासीय इकाइयों की पहली बार सर्कल दर से कम कीमत पर बिक्री पर आयकर नियमों में छूट देने का ऐलान किया है.

रियल एस्‍टेट सेक्‍टर में डिमांड बढ़ाने के लिए डेवलपर्स और होम बायर्स को आयकर राहत की घोषणा

वित्‍त मंत्री ने इकोनॉमी को गति देने के लिए गुरुवार को उपायों की घोषणा की

खास बातें

  • आज कुल 2,65,080 करोड़ रुपये का stimulus पैकेज घोषित क‍िया
  • सरकार नया रोजगार देने वाले प्रतिष्ठानों को सब्सिडी देगी
  • नई भर्ती के लिए दो साल तक सरकार देगी भविष्‍य निधि कोष में योगदान
नई दिल्ली:

केंद्रीय वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रियल एस्‍टेट क्षेत्र में डिमांड को बढ़ावा देने के लिए डेवलपर्स और घर खरीदने वालों को आयकर में राहत देने की घोषणा की है. आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने के लिए 'आत्‍मनिर्भर भारत' के हिस्‍से के रूप में इस 3.0 stimulus पैकेज की घोषणा की है. उन्‍होंने कहा कि हमने रेसीडेंशियल रियल स्‍टेट के लिए मांग को बढ़ाने के लिए डेवलपर्स और घर खरीदने वालों को आयकर में राहत देने की घोषणा की है. यह रियल एस्‍टेट सेक्‍टर को बूस्‍ट देने में उपयोगी साबित होगा. वित्त मंत्री ने दो करोड़ रुपये तक की आवासीय इकाइयों की पहली बार सर्कल दर से कम कीमत पर बिक्री पर आयकर नियमों में छूट देने का ऐलान किया. अभी तक सर्किल दर और बिक्री करार मूल्य के बीच सिर्फ 10 प्रतिशत तक के अंतर की इजाजत है. रेसीडेंशियल रियल एस्टेट सेक्‍टर को बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्री ने कहा कि अब इस अंतर को 30 जून 2021 तक बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है.यह राहत दो करोड़ रुपये तक की आवासीय इकाइयों के लिए है.

12 घोषणा के तहत आज कुल 2,65,080 करोड़ रुपये का stimulus पैकेज घोषित किया गया है, इसमें बुधवार को घोषित 1,45,980 करोड़ राशि की प्रोडक्‍शन लिंक्‍ड इनसेंटिंग स्‍कीम की राशि भी शामिल है.वित्‍त मंत्री ने दो करोड़ रुपये तक की आवासीय इकाइयों की पहली बार की बिक्री के लिए सर्कल रेट और समझौता मूल्य के बीच के अंतर को दोगुना तक रखे जाने की घोषणा की.

आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना का आगाज, जानिए क्या हैं बड़ी बातें, किसे लाभ-किसे नहीं

उन्‍होंने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के लिए 18,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि आवंटित करने की घोषणा की.वित्‍त मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार नया रोजगार देने वाले प्रतिष्ठानों को सब्सिडी देगी. इसके तहत नई भर्ती के लिए दो साल तक सरकार की ओर से भविष्‍य निधि कोष में योगदान दिया जाएगा.इसी के साथ आपातकालीन ऋण गारंटी योजना को 31 मार्च 2021 तक बढ़ाया गया है.

कोरोना के बीच नए रोज़गार पैदा करने के लिए लॉन्च की गई  'आत्मनिर्भर भारत रोज़गार योजना'

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को नई रोजगार सृजन योजना की घोषणा की, जिसके तहत नई भर्तियां करने वाले प्रतिष्ठानों को सब्सिडी दी जाएगी. उन्होंने कहा कि सब्सिडी के तहत दो साल के लिए सेवानिवृत्ति निधि में कर्मचारियों के साथ ही नियोक्ताओं के योगदान को भी शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों का योगदान (वेतन का 12 प्रतिशत) और नियोक्ता का योगदान (वेतन का 12 प्रतिशत), इस तरह कुल वेतन का 24 प्रतिशत हिस्सा अगले दो वर्षों के लिए नई भर्तियां करने वाले प्रतिष्ठानों को दिया जाएगा. आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में पंजीकृत प्रतिष्ठानों को नए कर्मचारियों की भर्ती पर यह सब्सिडी मिलेगी. उन्‍होंने बताया कि इस योजना के तहत 15,000 रुपये से कम मासिक वेतन पाने वाले नए कर्मचारी को गिना जाएगा. उन्होंने बताया कि इसमें 15,000 से कम वेतन पाने वाले ऐसे कर्मचारी भी शामिल होंगे, जिन्हें कोविड-19 महामारी के दौरान नौकरी से निकाल दिया गया था और वे एक अक्टूबर 2020 को या उसके बाद दोबारा जुड़े हैं. इस योजना का लाभ लेने के लिए अधिकतम 50 कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों को कम से कम दो नई कर्मचारियों को भर्ती करना होगा, जबकि जिन प्रतिष्ठानों में 50 से अधिक कर्मचारी हैं, उन्हें कम से कम पांच नई भर्ती करनी होगी.

वित्त मंत्री ने कहा कि एक लंबे और कड़े लॉकडाउन के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था की हालत में जोरदार सुधार देखने को मिल रहा है. उन्होंने अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए कुछ और प्रोत्साहनों की घोषणा करने के लिए आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि व्यापक आर्थिक संकेतक हालात में सुधार की ओर इशारा कर रहे हैं. निर्मला सीतारमन ने कहा कि  कि देश मे कोविड-19 के सक्रिय मामले एक समय 10 लाख से अधिक थे, जबकि अब ये मामले घटकर 4.89 लाख रह गए हैं और मृत्यु दर घटकर 1.47 प्रतिशत पर आ गयी है।अर्थव्यवस्था में सुधार का ब्यौरा देते हुए उन्होंने कहा कि कंपनियों के कारोबार की गति का संकेत देने वाला कंपोजिट परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) अक्टूबर में बढ़कर 58.9 रहा, जो इससे पिछले महीने में 54.6 था.उन्होंने कहा कि अक्टूबर के दौरान ऊर्जा खपत में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का संग्रह 10 प्रतिशत बढ़कर 1.05 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया.वित्त मंत्री ने कहा कि दैनिक रेलवे माल ढुलाई में औसतन 20 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई है. उन्होंने आगे कहा कि बैंक ऋण में भी 5.1 प्रतिशत का सुधार हुआ है.

अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की उपायों की घोषणा

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