पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को असल खतरा आतंकवादियों से नहीं, पाक सेना से है : पूर्व एनएसए शिवशंकर मेनन

पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को असल खतरा आतंकवादियों से नहीं, पाक सेना से है : पूर्व एनएसए शिवशंकर मेनन

पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन (फाइल फोटो)

खास बातें

  • पाक का ही परमाणु हथियार कार्यक्रम ऐसा है, जिस पर केवल सेना का नियंत्रण है
  • भारत के पास मौजूद परमाणु नियंत्रण राष्ट्रीय सुरक्षा में योगदान देते हैं
  • भारत की परमाणु हथियारों का पहले इस्तेमाल नहीं करने की घोषित नीति है
वॉशिंगटन:

भारत के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) शिवशंकर मेनन ने कहा है कि पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को 'असल खतरा' आतंकवादी संगठनों से नहीं, बल्कि उसकी सेना के भीतर मौजूद अस्थिर तत्वों से है.

शिवशंकर मेनन ने कहा कि आतंकवादियों के पास तबाही मचाने के लिए अपेक्षाकृत सस्ते एवं आसान माध्यम हैं. परमाणु हथियार जटिल उपकरण हैं, जिनका प्रबंधन करना, इस्तेमाल करना एवं उन्हें पहुंचाना मुश्किल होता है और इसके लिए उच्च स्तर के कौशल की आवश्यकता होती है.

मेनन ने अपनी पुस्तक 'च्वाइसेज़ : इनसाइड द मेकिंग ऑफ इंडियाज़ फॉरेन पॉलिसी' में कहा है, "मेरे हिसाब से, (परमाणु हथियारों को) असल खतरा अंदर के लोगों, किसी पाकिस्तानी पायलट या किसी ऐसे ब्रिगेडियर से है, जो आदेश दिए जाने पर या उसके बिना ही परमाणु जेहाद शुरू करने का निर्णय लेते हैं..."

उन्होंने कहा कि विश्व में एकमात्र पाकिस्तान का ही परमाणु हथियार कार्यक्रम ऐसा है, जिस पर केवल सेना का नियंत्रण है. मेनन ने कहा, "इस बात के मजबूत कारण हैं कि किसी अन्य देश ने इस मार्ग पर चलने का विकल्प क्यों नहीं चुना..."

मेनन ने लिखा कि भारत के पास मौजूद परमाणु नियंत्रण इसकी राष्ट्रीय सुरक्षा में योगदान देते हैं, ताकि इस अनिश्चित एवं अराजक दुनिया में अन्य देश भारत को परमाणु हथियारों को लेकर ब्लैकमेल करने या उस पर दबाव बनाने की कोशिश न कर सकें. उन्होंने कहा, "परमाणु हथियारों से संपन्न कुछ निश्चित देशों के विपरीत भारत के परमाणु हथियार सैन्य संतुलन के लिए नहीं हैं, न ही परंपरागत सैन्य संदर्भों में किसी प्रकार की कथित हीनभावना को दूर करने के लिए इनका निर्माण किया गया है और न युद्ध के मैदान पर संचालनात्मक सैन्य आवश्यकता या कुछ सामरिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए ऐसा किया गया है..."

मेनन ने अपनी पुस्तक में चेताया कि भारत की परमाणु हथियारों का पहले इस्तेमाल नहीं करने की घोषित नीति है, लेकिन यदि पाकिस्तान भारत की घोषित रेडलाइन को पार करके उसके खिलाफ "यहां तक कि पाकिस्तान में भारतीय बलों के खिलाफ" सामरिक परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेगा, तो यह भारत द्वारा बड़े स्तर पर पहले हमला करने के दरवाजे प्रभावी रूप से खोल देगा.

उन्होंने कहा, "पाकिस्तान का सामरिक परमाणु हथियार इस्तेमाल भारत को उसके खिलाफ व्यापक स्तर पर पहले हमला करने के लिए स्वतंत्र कर देगा..." उन्होंने कहा, "भारत जैसे देश के पास युद्ध के इतर प्रतिक्रिया देने के कई अन्य माध्यम भी हैं..."


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