लाल किले से PM मोदी ने चीन-पाकिस्तान दोनों को चेताया-LOC हो या LAC...

पीएम नरेंद्र मोदी ने आज देश के 74वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से चीन चेताते हुए कहा कि  लेकिन LOC से लेकर LAC तक, देश की संप्रभुता पर जिस किसी ने आंख उठाई है, देश ने देश की सेना ने उसका उसी भाषा में जवाब दिया है.  

लाल किले से PM मोदी ने चीन-पाकिस्तान दोनों को चेताया-LOC हो या LAC...

Independence Day 2020: पीएम मोदी ने चीन-पाकिस्तान को दी चेतावनी

खास बातें

  • लालकिले की प्राचीर से पीएम मोदी ने चेताया
  • LAC और LOC का किया जिक्र
  • उसी भाषा में जवाब दिया सेना ने : PM मोदी
नई दिल्ली :

पीएम नरेंद्र मोदी ने आज देश के 74वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से चीन चेताते हुए कहा कि  लेकिन LOC से लेकर LAC तक, देश की संप्रभुता पर जिस किसी ने आंख उठाई है, देश ने देश की सेना ने उसका उसी भाषा में जवाब दिया है.  भारत की संप्रभुता का सम्मान हमारे लिए सर्वोच्च है.  इस संकल्प के लिए हमारे वीर जवान क्या कर सकते हैं, देश क्या कर सकता है, ये लद्दाख में दुनिया ने देखा है.  हमारे पड़ोसी देशों के साथ, चाहे वो हमसे ज़मीन से जुड़े हों या समंदर से, अपने संबंधों को हम सुरक्षा, विकास और विश्वास की साझेदारी के साथ जोड़ रहे हैं. पीएम मोदी का यह बयान बीते जून में लद्दाख में हुई घटना को देखते हुए अहम है. पीएम मोदी ने लद्दाख में भारतीय सैनिकों के साथ हुई चीन की झड़प के बाद यह पहला मौका है जब उन्होंने एलएएसी का जिक्र किया है. हालांकि इससे पहले वह लद्दाख में भी जाकर चीन को साफ-साफ चेता चुके हैं. लेकिन उन्होंने चीन का नाम नहीं लिया था.

पीएम मोदी ने कहा कि 21वीं सदी के इस दशक में अब भारत को नई नीति और नई रीति के साथ ही आगे बढ़ना होगा. अब साधारण से काम नहीं चलेगा.  हमारी नीति,प्रक्रिया,उत्पाद, सब कुछ सर्वश्रेष्ठ होना चाहिए. तभी हम एक भारत-श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार कर पाएंगे. आज भारत ने असाधारण समय में असंभव को संभव किया है. इसी इच्छाशक्ति के साथ प्रत्येक भारतीय को आगे बढ़ना है। वर्ष 2022, हमारी आजादी के 75 वर्ष का पर्व, अब बस आ ही गया है. 

गौरतलब है कि इस साल जहां भारत चीन से आई बीमारी कोरोना वायरस से जूझ रहा है तो वहीं सीमा पर चीन की सेना पीएलए भी पैतरे दिखा रही है. 15-16 जून की रात भारतीय सैनिकों के साथ हुई झड़प में हमारे 20 योद्धाओं ने जान गंवा दी थी.  वहीं सेना से जुड़े सूत्रों का दावा है कि चीन के भी बहुत सैनिक हताहत हुए हैं लेकिन चीन ने अपनी नाक बचाने के लिए इस संख्या को छिपा लिया है. इस घटना के बाद दोनों देशों के बीच कई स्तर की बातचीत हो चुकी है लेकिन चीन की नीयति साफ नहीं दिख रही है.  फिलहाल भारतीय सेना ने किसी भी पैंतरे को जवाब देने के लिए पूरा साजो-सामना सीमा पर इकट्ठा कर रखा है. 

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