लद्दाख : भारत और चीन ने तैनात किए 1000 से 1200 जवान, बातचीत से भी मामला सुलझाने की कोशिश जारी

भारत-चीन के बीच बॉर्डर पर तनाव की स्थिति है. भारत-चीन का मौजूदा विवाद लद्दाख के दो इलाको में है. एक गलवान घाटी और दूसरा फिंगर 4 में. यहां 9-10 मई से हालात तनावपूर्ण हैं.

लद्दाख : भारत और चीन ने तैनात किए 1000 से 1200 जवान, बातचीत से भी मामला सुलझाने की कोशिश जारी

विवाद को सुलझाने के लिए हर स्तर पर बातचीत जारी है

खास बातें

  • लद्धाख सीमा पर तनाव चरम पर
  • दोनों ओर जवान तैनात
  • हर स्तर पर बातचीत जारी
नई दिल्ली :

भारत-चीन के बीच बॉर्डर पर तनाव की स्थिति है. भारत-चीन का मौजूदा विवाद लद्दाख के दो इलाको में है. एक गलवान घाटी और दूसरा फिंगर 4 में. यहां 9-10 मई से हालात तनावपूर्ण हैं. सूत्रों के मुताबिक, 1000 से 1200 जवान दोनों तरफ तैनात हैं. तनाव को लेकर भारत और चीन के ब्रिगेड कमांडर एक-दूसरे के संपर्क में हैं. यही नहीं, राजनयिक स्तर पर भी मामले को सुलझाने की कोशिश चल रही है. ऐसा समाधान खोजने का प्रयास हो रहा है, जो दोनो देशों को मान्य हो. 2013 से सीमा पर ऐसे विवाद होते रहते हैं. 

करीब छह बार इस तरह के बड़े विवाद हुए हैं. जैसे देपसांग, चुमार, पैंगोंग, डोकलाम और नाकुला के विवाद प्रमुख हैं. सूत्रों के मुताबिक, हर बार विवाद स्थानीय मुद्दों को लेकर होता है पर इसकी असल वजह ये है कि चीन चाहता है वहां पर कोई नई गतिविधि ना हो. मसलन भारत सड़क ना बनाए. बुनियादी ढांचे को मजबूत नहीं करे. 

चीन का आरोप है कि गलवान इलाके में भारत का दोर्बुक श्योक डीबीओ रोड बनाना हालात को बदलने की कोशिश है. जबकि भारत ने इस आरोप का खंडन किया है. भारत ने कहा कि यह सड़क अपने इलाके में स्थानीय लोगों की मदद के लिये बनाई गई है. तनाव के बाद चीन ने सैनिकों की तादाद बढ़ाई है. भारत के वहां पहले से सैनिक मौजूद हैं. यहां 2013 से भारतीय सैनिक हैं.  ऐसे ही हालात फिंगर 4 में भी हुआ. यहां पर 5-6 मई को भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी.  चीन ने यहां भारत के सैनिकों के लिये बनाये जा रहे शेल्टर को लेकर एतराज जताया था.

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