करतारपुर कॉरिडोर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के अधिकारियों के बीच बनी ये सहमति

सूत्रों के मुताबिक करतारपुर कॉरिडोर कैसे काम करेगा इस पर भारत और पाकिस्तान के अधिकारियों के बीच अटारी में हुई तीसरे दौर की बैठक में कुछ बिंदुओं पर सहमति बनी है.

करतारपुर कॉरिडोर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के अधिकारियों के बीच बनी ये सहमति

करतारपुर कॉरिडोर पर भारत-पाकिस्तान के बीच बैठक

नई दिल्ली:

सूत्रों के मुताबिक करतारपुर कॉरिडोर कैसे काम करेगा इस पर भारत और पाकिस्तान के अधिकारियों के बीच अटारी में हुई तीसरे दौर की बैठक में कुछ बिंदुओं पर सहमति बनी है. तीर्थयात्रियों को वीज़ा की ज़रूरत नहीं, OCI कार्ड वाले भी जा सकते हैं. धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होगा. प्रति दिन पांच हज़ार और उत्सवों पर इससे ज्यादा श्रद्धालुओं को इजाज़त मिलेगी. कॉरिडोर साल भर, हर दिन, खुला रहेगा. श्रद्धालु जत्थों में या अकेले जा सकते हैं.

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रावि नदी पर पुल बनेगा और जब तक ऐसा नहीं होता अस्थायी सर्विस रोड होगा. आपात स्थिति में बचाव के तरीके होंगे. BSF और पाकिस्तान रेंजर्स के बीच बातचीत की सीधी लाईन होगी. हालांकि सूत्रों के मुताबिक इन समझौतों पर दस्तखत नहीं हो पाए क्योंकि पाकिस्तान ने भारत से श्रद्धालुओं के साथ भारतीय प्रोटोकॉल अधिकारियों को करतारपुर में होने को इजाज़त नहीं दी और श्रद्धालुओं से फीस लेने की भी बात पर अड़ा हुआ है. भारत के मुताबिक कॉरिडोर पर इस तरफ का काम सितंबर 2019 तक पूरा हो जाएगा ताकि तीर्थयात्रा गुरू नानक देव की 550वीं जयंती पर शुरू हो सके.

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बता दें कि भारत ने जम्मू -कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान पांच अगस्त को निरस्त कर दिए थे और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था. इसके बाद दोनों देशों के बीच यह दूसरी बैठक है. पाकिस्तान और भारत गुरु नानक देव की 550वीं जयंती के मौके पर 12 नवंबर को लाहौर से करीब 125 किलोमीटर दूर नारोवाल में गलियारे के उद्घाटन के संबंध में तौर-तरीकों पर विचार कर रहे हैं.

करतारपुर गलियारे को लेकर पिछले कुछ महीनों में कई दौर की बैठकें हुई हैं जिनमें दोनों पक्षों के विशेषज्ञों ने विभिन्न तकनीकी पहलुओं पर भी बात की है. दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों ने जुलाई में अटारी-वाघा सीमा पर पाकिस्तान की ओर एक बैठक की थी जिसमें करतारपुर गलियारे के तौर-तरीकों पर बातचीत की गई थी. यह गलियारा 1947 के बाद से दोनों पड़ोसी देशों के बीच पहला वीजा मुक्त गलियारा भी होगा. पाकिस्तान भारतीय सीमा से लेकर गुरुद्वारा दरबार साहिब तक गलियारे का निर्माण कर रहा है जबकि डेरा बाबा नानक से लेकर सीमा तक दूसरे हिस्से का निर्माण भारत करेगा.

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Video: भारत-पाकिस्तान के बीच मीटिंग में करतारपुर कॉरिडोर पर बनी बात