यह ख़बर 01 दिसंबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

रिटेल में FDI के विरोध में देशभर के बाजार बंद

खास बातें

  • रिटेल में एफडीआई के खिलाफ भारत बंद के दौरान दिल्ली के थोक और खुदरा बाजार बंद रहे। बीएसपी, बीजेपी, सपा भी इस बंद को समर्थन दिया।
New Delhi:

खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के विरोध में व्यापारियों की ओर से आहूत भारत बंद के मद्देनजर राजधानी दिल्ली में छिटपुट दुकानें खुली रहीं लेकिन अधिकतर बाजार बंद रहे। व्यापारियों के इस विरोध प्रदर्शन में भाजपा भी शामिल हो गई। भाजपा कार्यकर्ताओं ने शहर में कम से कम 20 स्थानों पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के पुतले फूंके। फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) के दिल्ली इकाई के अध्यक्ष नरेंद्र मदन ने कहा कि बंद में हिस्सा लेने के लिए बड़ी संख्या में व्यापारियों ने अपनी दुकानें बंद रखी हैं। उन्होंने दावा किया कि सदर बाजार, कमला नगर, चावड़ी बाजार, करोल बाग, कश्मीरी गेट, तिलक नगर, रोहिणी, कृष्ण नगर और अन्य थोक और खुदरा बाजार बंद हैं। सीएआईटी के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि खुदरा क्षेत्र में एफडीआई के सरकार के निर्णय के खिलाफ आहूत इस बंद में पूरे देश के व्यापारी हिस्सा ले रहे हैं। वहीं देशभर में बंद के आह्वान का बिहार में मिलाजुला असर देखने को मिला जिसमें ज्यादातर प्रमुख बाजारों में दुकानें खुली रहीं। हालांकि, बंद के मद्देनजर कई निजी स्कूल एहतियात के तौर पर बंद रहे। बिहार में सत्तारूढ़ राजग ने बंद का समर्थन किया है, जबकि कांग्रेस और लोजपा इस बंद के खिलाफ हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि वह बिहार में बहु.ब्रांड खुदरा क्षेत्र में 51 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति नहीं देंगे। ओडिशा के व्यापारियों ने देशव्यापी बंद के आह्वान पर आज अपनी दुकानें बंद रखीं। राजधानी भुवनेश्वर, कटक, बरहामपुर, संबलपुर, राउरकेला और बालेश्वर सहित कई स्थानों पर बंद के चलते कारोबारी गतिविधियां प्रभावित हुईं। इस बंद का विभिन्न राजनीतिक दलों और ट्रेड यूनियनों ने समर्थन किया है। भाजपा के व्यापारी प्रकोष्ठ ने भी बंद का समर्थन करते हुए राज्य के व्यापारिक प्रतिष्ठानों को इस बंद में हिस्सा लेने को कहा। कर्नाटक में बड़ी संख्या में व्यापारियों ने अपनी दुकानें बंद रखीं और खुदरा क्षेत्र में एफडीआई की अनुमति देने के केन्द्र के निर्णय का विरोध किया।  शहर में प्रमुख व्यापारिक केन्द्रों पर दुकानें बंद रहीं। फेडरेशन आफ कर्नाटक चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री ने यहां अपने कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन किया, जिसमें कई व्यापारियों ने हिस्सा लिया। राज्य के विभिन्न हिस्सों में भी बंद का असर रहा। सरकार के निर्णय के खिलाफ पश्चिम बंगाल में ज्यादातर खुदरा और थोक व्यापारियों ने आज अपनी दुकानें बंद रखीं। पश्चिम बंगाल में सबसे बड़े बुर्राबाजार के पोस्ता क्षेत्र में थोक बाजार सहित ज्यादातर बाजारों के व्यापारियों ने आज सांकेतिक हड़ताल रखी। कन्फेडरेशन ऑफ वेस्ट बंगाल ट्रेड एसोसिएशंस (सीडब्ल्यूबीटीए) ने कहा कि सभी सहायक व्यापारिक संगठन बंद के आह्वान का समर्थन कर रहे हैं। राज्य में सीडब्ल्यूबीटीए के पांच लाख से अधिक छोटे एवं मझोले व्यापारी सदस्य हैं। व्यापारियों का आरोप है कि खुदरा क्षेत्र में एफडीआई की अनुमति देने के केन्द्र के निर्णय से छोटे व्यापारी बर्बाद हो जाएंगे। ज्यादातर राजनीतिक दलों और ट्रेड यूनियनों ने आज की सांकेतिक हड़ताल का समर्थन किया है।


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