भारत-चीन के बीच तनातनी : आखिर, क्यों खिंची हैं दोनों देशों के बीच तलवारें? क्या है विवाद

भारत और चीन के बीच एक बार फिर से तनातनी शुरू हो गई है. ताजा विवाद लद्दाख को लेकर है. यहां के दो इलाकों में 9 और 10 मई से ही सीमा के दोनों ओर हजार से ज्यादा सैनिक आमने-सामने आ चुके हैं.

नई दिल्ली:

भारत और चीन के बीच एक बार फिर से तनातनी शुरू हो गई है. ताजा विवाद लद्दाख को लेकर है. यहां के दो इलाकों में 9 और 10 मई से ही सीमा के दोनों ओर हजार से ज्यादा सैनिक आमने-सामने आ चुके हैं. हालांकि, दोनों देश राजनयिक स्तर पर इस विवाद को सुलझाने में जुटे हुए हैं. 

तीन साल पहले डोकलाम विवाद के बाद एक बार फिर भारत और चीन के बीच तनातनी का माहौल बन गया है. कुछ खबरें आई है कि करीब 5000 सैनिक चीनी सीमा पर तैनात किए हैं. वहां पर बंकर्स बन रहे हैं. कुछ एयरक्राफ्ट भी वहां पर देखें गए हैं. हमारे सहयोगी राजीव रंजन ने इस मामले अधिक जानकारी देते हुए बताया कि सेना ने इस मामले पर आधिकारिक तौर पर चुप्पी साध रखी है और राजनैतिक स्तर पर भी कुछ बताया नहीं जा रहा है.

एनडीटीवी के रिपोर्टर को मिली जानकारी के अनुसार चीनी मीडिया की माने तो यह विवाद डोकलाम से भी कहीं ज्यादा बड़ा होता जा रहा है. डोकलाम में करीब 70 दिन से ज्यादा तक विवाद हुआ था. उसके बाद मामला किसी तरह सुलझा था. यहां पर दो इलाके पैंगोंग त्सो का गलवान घाटी और फिंगर 4 में तनातनी बढ़ा हुआ है. खबरों के मुताबिक चीन न केवल टेंट लगा दिए हैं, बल्कि भारी वाहन, हथियार तैनात किए गए हैं. इसको देखते हुए भारतीय सेना भी चौकस हो गई है. ऐसे में भारत भी किसी भी हाल में पीछे हटने को तैयार नहीं.

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हालांकि स्थानीय स्तर पर दोनों देशों के कमांडर एक दूसरे के संपर्क में हैं और बातचीत कर रहे हैं. कोशिश की जा रही है कि कुछ सम्मानजनक हल निकाला जा सके. जानकारी के मुताबिक चीन को ऐतराज है कि भारत द्वारा लोगों के लिए बनाए जा रहे सड़क को रोकने की कोशिश हो रही है. भारत ने यह साफ कर दिया है कि यह हमारे इलाके में हो रहा है और यह लोगों की मदद के लिए कर रहे हैं. इसका स्ट्रेटजी के तौर पर कोई लेना देना नहीं है. कोशिश हो रही है कि बराबरी की समझौता वाली बात हो सके.