भारत-चीन के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों की बैठक आज, विवाद सुलझने की उम्मीद

चुशूल मोलदो बॉर्डर मीटिंग प्वाइंट पर चीन की तरफ होगी बैठक, भारत का प्रतिनिधित्व 14 कोर कमांड के लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह करेंगे

भारत-चीन के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों की बैठक आज, विवाद सुलझने की उम्मीद

प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली:

सीमा विवाद पर भारत और चीन के लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारियों की बैठक चुशूल मोलदो बॉर्डर मीटिंग प्वाइंट पर चीन की तरफ होगी. यह बैठक 6 जून को होगी. बैठक सुबह 9:30 बजे होगी,  पर अगर मौसम खराब रहा तो टाइम आगे बढ़ सकता है. भारत का प्रतिनिधित्व 14 कोर कमांड के लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह करेंगे.

बैठक में भारत चीन से एलएसी पर अप्रैल की यथास्थिति बरकरार रखने की मांग रखेगा. बातचीत पैंगोंग लेक के फिंगर 4 और फिंगर 8 पर फोकस रहेगी. गलवान घाटी को लेकर मुद्दा नहीं उठेगा. यहां मामला सुलझ जाएगा. 

भारत कहेगा कि पहले की तरह उसकी पेट्रोल टीम फिंगर 8 तक पेट्रोलिंग करती रहे और चीन भी पहले की तरह चीन फिंगर 4 तक पेट्रोलिंग करते रहे. अभी हालात ऐसे हैं कि चीन की सेना भारतीय सेना की पेट्रोल टीम को फिंगर फोर से आगे नहीं बढ़ने दे रही. 

सेना यह भी बात रखेगी कि चीन की सेना अपनी पुरानी जगह पर चले जाएं यानी फिंगर 8 वाली जगह पर.  साथ ही साथ भारत चीनी सेना द्वारा एलएसी पर की जा रही हिंसा पर अपनी आपत्ति जाहिर करेगा. भारत एलएसी पर पीएलए के भारी जमावड़े पर भी अपना एतराज जताएगा. भारत चीन से साफ साफ  कहेगा कि एलएसी पर फौज का जमावड़ा सबसे पहले चीन ने शुरू किया. उसकी जवाबी कार्रवाई में ही भारत ने भी सीमा पर अपने सैनिकों की तादाद बढ़ाई. साथ ही साथ चीनी सैनिकों का पत्थर और नाखूनों से हमले पर आपत्ति जाहिर करते हुए चीन को साफ संदेश देगा कि यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. 

शनिवार की बातचीत से पहले दोनों देशों के सैनिकों के बीच ब्रिगेडियर और मेजर जनरल स्तर पर करीब 7-8 दफा बात हो चुकी है. उसी के ग्राउंड वर्क के आधार अब लेफ्टिनेंट जनरल रैंक की बातचीत होगी. इनके पास फैसला लेने का ज़्यादा अधिकार होगा और मुद्दे की गहराई से समझ भी होगी.

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

इधर भारत और चीन के विदेश मंत्रालयों की बातचीत में दोनों पक्षों ने विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के प्रति प्रतिबद्धता दोहराई. भारत और चीन के बीच सीमा का सीमांकन नहीं किया गया है जिस वजह से दोनों देशों का सीमा को लेकर अलग अलग नजरिया है.