पाकिस्तान एक बुरा मेजबान देश निकला : गृह मंत्रालय के सूत्र

पाकिस्तान एक बुरा मेजबान देश निकला : गृह मंत्रालय के सूत्र

सार्क बैठक में राजनाथ.

खास बातें

  • हमें जो कहना था पाकिस्तान में कह दिया, कल संसद में बताऊंगा : राजनाथ
  • राजनाथ सिंह दिल्ली पहुंचते ही सीधे प्रधानमंत्री से मिले
  • नॉर्थ ब्लाक में पाकिस्तान में चले घटनाक्रम की समीक्षा
नई दिल्ली:

"हमें जो कहना था वह पाकिस्तान जाकर कह दिया," यह कहना है देश के गृह मंत्री राजनाथ सिंह का. यह बात उन्होंने एयरपोर्ट के बाहर खड़े संवाददाताओं से कही. संवाददाता आस लगाए खड़े थे कि गृह मंत्री भारत लौटकर बताएंगे कि आखिर भारत और पाकिस्तान के बीच तल्ख़ी बढ़ क्यों गई?

भाषण की कॉपी प्रसारित की
जब राजनाथ सिह से पूछा गया कि वे खाना खाए बिना वापस क्यों चले आए तो वे सिर्फ मुस्कुरा दिए. इतना जरूर कहा कि जो हुआ ठीक नहीं था. अपने भाषण के ब्लाक आउट पर उन्होंने कहा कि बाद में पाकिस्तान ने उनके भाषण की कापी सर्क्यूलेट कर दी थी। उन्होंने कहा कि "मैं कल संसद में बताऊंगा."  

आतंकवादी अच्छा या बुरा नहीं होता
इस्लामाबाद में राजनाथ सिंह ने कहा  कि कोई अच्छा या बुरा आतंकवादी नहीं होता. आतंकवादियों को शहीद का दर्जा नहीं दिया जाना चाहिए. न सिर्फ आतंकवादियों बल्कि उनको शह देने वाले  देशों के खिलाफ भी कर्रवाई की जानी चाहिए. आतंकवाद के खिलाफ बयानबाजी काफी नहीं, कार्रवाई भी जरूरी है.

प्रधानमंत्री के साथ एक घंटे बैठक
राजनाथ सिंह दिल्ली पहुंचते ही सीधे प्रधानमंत्री से मिलने गए ताकि बैठक का पूरा ब्योरा उन्हें दे सकें। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की बैठक एक घंटे तक चली.

सार्क देशों को बताई पाक की असलियत
इधर नॉर्थ ब्लाक में पाकिस्तान में जो कुछ हुआ उसकी समीक्षा की गई. बताया गया कि भारत ने अपना पॉइंट ऑफ व्यू न सिर्फ पाकिस्तान को बल्कि सार्क के बाकी देशों को भी बता दिया है कि पाकिस्तान किस तरह आतंकवादी भारत भेज रहा है और प्रोपेगेंडा वार कर रहा है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनडीटीवी को बताया कि "सभी देशों ने भारत का समर्थन भी किया." उनके मुताबिक पाकिस्तान एक बुरा मेजबान देश निकला. उन्होंने कहा कि "खुद लंच पर बुलाया और वहां का गृह मंत्री निसार अली ही चला गया, यह क्या बात है."

पाक के गृह मंत्री ने स्वीकार किया, क्यों नहीं किया राजनाथ ने भोजन  
वैसे निसार अली ने भी माना है कि भारत के गृह मंत्री ने खाना इसीलिए नहीं खाया क्योंकि उन्होंने कहा था कि वे तब खाएंगे अगर निसार अली खाएंगे। निसार अली ने मीडिया से कहा कि "मुझे कहीं और जाना था, इसीलिए मैं नहीं रुक सका."  

उधर जिस तरह सरींना होटल के बाहर प्रोटेस्ट हो रहे थे उसे लेकर भी गृह मंत्रालय विचार कर रहा है। एक अधिकारी, जो डेलिगेशन का हिस्सा थे, ने बताया कि "जितने जुलूस निकाले गए, चाहे कराची में, लाहौर में या फिर इस्लामाबाद में, सबको पाकिस्तान सरकार का समर्थन था. नहीं तो वे सब बंद करवा सकते थे."  

जहां तक सईद सलाउद्दीन और हाफिज सईद के भारत और गृह मंत्री के खिलाफ दिए गए बयानों का सवाल है तो गृह मंत्रालय उन्हें ज्यादा तवज्जो नहीं दे रहा है। गृह मंत्रालय का मानना है कि "ठीक है वे खुले घूम रहे थे, लेकिन यह सब जानते हैं कि वे पाकिस्तान में हैं और वहां की सरकार उनके खिलाफ कोई कर्रवाई नहीं करती, क्योंकि पाकिस्तान उन्हें आतंकवादी ही नहीं मानता."

वैसे गृह सचिव को भारत आते ही बुखार आ गया लेकिन फिर किस शख्स की तबियत खराब नहीं होगी अगर उसे खाना नहीं मिलेगा. और पाकिस्तान का जो रवैया या वातावरण था, वह मिलेगा.


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