यह ख़बर 10 जून, 2011 को प्रकाशित हुई थी

राना पर अमेरिकी कोर्ट के फैसले से सरकार निराश

खास बातें

  • भारत ने कहा है कि जिस तरह तहव्वुर राना को मुंबई हमले की साजिश में शामिल होने के मामले से अलग किया गया है, उससे वह नाखुश है।
New Delhi:

भारत ने अमेरिकी अदालत द्वारा तहव्वुर राना को मुंबई हमले के मामले से बरी किए जाने पर निराशा जाहिर की है। भारत ने कहा है कि जिस तरह से उसे मुंबई हमले की साजिश में शामिल होने के मामले से अलग किया गया है, उससे वह नाखुश है। वहीं, मुंबई हमले की जांच कर रही एनआईए ने कहा है कि वह शिकागो की अदालत में केस खत्म होने का इंतजार कर रही थी और अब वह हेडली और राना के खिलाफ चार्जशीट की तैयारी में है। एनआईए ने इस संबंध में अमेरिकी अदालत में पेश किए गए कुछ सबूतों की मांग भी की है। उधर, गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने राना को बरी किए जाने की कड़ी आलोचना करते हुए इसे भारतीय विदेश नीति के लिए तगड़ा झटका करार दिया है। मोदी ने केंद्र सरकार को निशाना साधते हुए माइक्रो ब्लागिंग वेबसाइट ट्विटर पर लिखा, अमेरिका ने मुंबई आतंकवादी हमले में राना को निर्दोष घोषित कर भारत की संप्रभुता को ठेस पहुंचाई है। यह भारतीय विदेश नीति के लिए तगड़ा झटका है। मोदी ने कहा, पाकिस्तान को खुश करने के लिए अमेरिका ने ऐसे रास्ते तलाशे, ताकि 26/11 के मुंबई हमले के आतंकवादियों को दोषमुक्त करार दिया जा सके। उन्होंने कहा, भारत में चल रही आतंकवादी गतिविधियों के पीछे सक्रिय मास्टरमाइंड अब अमेरिका की अदालत में न्याय चाहेंगे। 12 सदस्यीय ज्यूरी ने अपने फैसले में कहा कि राना मुंबई आतंकी हमले की साजिश के दौरान साजो-सामान मुहैया कराने का दोषी नहीं है, लेकिन वह लश्कर-ए-तैयबा को साजो-सामान मुहैया कराने और पैगंबर मुहम्मद के कार्टून प्रकाशित करने वाले डेनमार्क के एक अखबार पर हमले की साजिश का दोषी है।(इनपुट भाषा से भी)


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