लद्दाख से पीछे हटने को लेकर चीन के साथ तनाव के बीच भारत ने बदल डाले व्यापार के नियम

भारत ने पड़ोसी देशों से व्यापार को लेकर नए नियम जारी किए हैं. इन नए नियमों के तहत भारत के साथ सीमा साझा करने वाले देशों की कंपनियों के लिए कुछ शर्तें रखी गई हैं. यह फैसला सैन्य और राष्ट्रहित से जुड़ी चिंताओं के आधार पर लिया गया है.

लद्दाख से पीछे हटने को लेकर चीन के साथ तनाव के बीच भारत ने बदल डाले व्यापार के नियम

भारत के नए व्यापार प्रतिबंधों से चीनी कंपनियों पर पड़ेगा असर. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

खास बातें

  • भारत ने जारी किए नए व्यापार प्रतिबंध
  • सीमा साझा करने वाले देशों की कंपनियों पर लगीं शर्तें
  • चीनी कंपनियों पर पड़ेगा असर

भारत ने पड़ोसी देशों से व्यापार को लेकर नए नियम (Trade Restrictions) जारी किए हैं. इन नए नियमों के तहत भारत के साथ सीमा साझा करने वाले देशों की कंपनियों के लिए कुछ शर्तें रखी गई हैं. यह फैसला सैन्य और राष्ट्रहित से जुड़ी चिंताओं के आधार पर लिया गया है. भारत के इस कदम से चीनी कंपनियों (Chinese Firms) पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा. इस कदम को चीन के खिलाफ भारत की ओर से आर्थिक मोर्चे पर उठाए गए नए कदम के रूप में देखा जा रहा है. 15 जून की रात में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प में 20 जवानों की जान चली जाने के बाद भारत ने कूटनीतिक और आर्थिक स्तर पर चीन के खिलाफ कई कदम उठाए हैं. इसके तहत बातचीत के जरिए भारत ने इलाके में तनाव कम करने के लिए दोनों पक्षों को यथास्थिति वाली पुरानी जगह पर जाने को कहा है. हालांकि, खबरें आई हैं कि पीछे हटने के वादे के बावजूद बड़ी संख्या में चीनी सैनिक अभी भी लद्दाख के कुछ इलाकों में मौजूद हैं. 

क्या हैं नियम?

इन खबरों के बीच भारत का यह व्यापार प्रतिबंध आया है. सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि ऐसे पड़ोसी देशों, जिनकी सीमा भारत से लगती है, की कंपनियां भारत में तभी पैसा लगा सकेंगी, अगर 'वो संबंधित प्राधिकरण के तहत रजिस्टर्ड हैं.' इस आदेश में कहा गया है कि 'पंजीकरण के लिए Promotion of Industry and Internal Trade (DPIIT) की ओर से बनाई गई रजिस्ट्रेशन कमिटी के पास जाना होगा. वहीं राजनीतिक और सुरक्षा हितों से जुड़ी क्लियरेंस लेने के लिए विदेश मंत्रालय और गृहमंत्रालय से अनुमति लेनी होगी.'

यह आदेश हर तरह की खरीद- वस्तु और सेवाओं (कंसल्टेंसी सेवाएं और नॉन-कंसल्टेंसी सेवाओं सहित) और प्रोजेक्ट्स पर लागू होगा. हां, इसमें 31 दिसंबर तक कोविड-19 से जुड़ी मेडिकल सप्लाई की खरीद पर छूट दी गई है. सरकार ने कहा कि 'एक अलग आदेश के तहत, भारत ऐसे देशों को पहले से रजिस्ट्रेशन की शर्तों में छूट देगा, जिनको उसने लाइन ऑफ क्रेडिट (सॉफ्ट लोन) दे रखा है या फिर ऐसे देश, जिनको भारत विकास से जुड़े प्रोजेक्ट्स में सहायता देता है.'

बता दें कि 15 जून को हुई हिंसक झड़प के बाद भारत में ट्रेड संगठन- Confederation of All India Traders (CAIT) की ओर से चीनी सामान के बहिष्कार की मांग उठाई जा रही है. इसके बाद भारत ने देश में सरकारी ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर अपना सामान बेच रही कंपनियों को सामानों पर उनके 'Country of Origin' यानी वो सामान कहां बना है, इसकी जानकारी देने को अनिवार्य कर दिया था. वहीं भारत सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए 59 चीनी मोबाइल ऐप्लीकेशन्स को बैन कर दिया है. 

Video: लद्दाख में पीछे हटने के अपने वादे से पीछे हटा चीन?

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