पाकिस्‍तान ने बंद किए कुलभूषण जाधव को मदद के सारे रास्ते : विदेश मंत्रालय

विदेश मंत्रालय (External Affairs Ministry) ने एक सवाल के जवाब में कहा है कि जासूसी के झूठे आरोप में पाकिस्तान में बंदी बनाए गए जाधव की मौत की सज़ा (Death sentence)के खिलाफ अपील की भारत की हर कोशिश में पाकिस्तान ने अड़ंगा लगाया.

पाकिस्‍तान ने बंद किए कुलभूषण जाधव को मदद के सारे रास्ते : विदेश मंत्रालय

कुलभूषण जाधव जासूसी के आरोप में पाकिस्‍तान की जेल में बंद हैं

नई दिल्ली:

पाकिस्तान ने बंदी बनाए गए भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jakhav)के कानूनी मदद के लिए सारे रास्ते बंद कर दिए हैं. विदेश मंत्रालय (External Affairs Ministry) ने एक सवाल के जवाब में कहा है कि जासूसी के झूठे आरोप में पाकिस्तान में बंदी बनाए गए जाधव की मौत की सज़ा (Death sentence)के खिलाफ अपील की भारत की हर कोशिश में पाकिस्तान ने अड़ंगा लगाया. मंत्रालय के अनुसार, 'हमारे काउंसुलर अधिकारियों को जाधव को कानूनी दस्तावेज़ नहीं देने दिए गए, न वो उनसे रिव्यू पिटीशन दाखिल करने के लिए पावर ऑफ एटॉर्नी ले पाए. हमें पाकिस्तान की तरफ से ये बताया गया था कि पाकिस्तानी वकील कर हम कागज़ात के ले सकते हैं. हमने वो भी किया लेकिन जब हमारे पाकिस्तानी वकील ने अधिकारियों के पास कागज़ात-एफआईआर, चार्जशीट, फील्ड मार्शल के आदेश की कॉपी के  लिए अर्जी लगाई तो कागज़ात देने से इंकार कर दिया गया. और कोई रास्ता ना देख कर भारत ने 18 जुलाई को कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल करने की कोशिश की लेकिन हमारे वकील ने बताया कि बिना पावर ऑफ एटॉर्नी और बाकी कागजात के हम ये नहीं कर सकते.

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विदेश मंत्रालय ने बताया कि पाकिस्तान ने रिव्यू पिटीशन दाखिल करने की तारीख पर भी संशय बनाए रखा. पहले बताया कि 19 जुलाई के बाद दाखिल नहीं कर सकते, फिर बताया कि 20 तारीख को पिटीशन दाखिल करने की अवधि खत्म हो जाएगी. भारत ने पहले ऑर्जिनेंस की कमियां देखते हुए जून में ही अपनी चिंताएं बताई थीं. इसके बारे में काफी देर से भारत को जानकारी दी गई और भारत से साफ कहा कि कि ये अंतरराष्ट्रीय अदालत के फैसले के मुताबिक नहीं है.साफ है कि पाकिस्तान इसे लेकर गंभीर नहीं था और ना ही ICJ के फैसले को पूरी तरह लागू करने की कोई मंशा थी. पाकिस्तान ने जाधव के मामले में भारत के लिए सभी रास्ते बंद कर दिए. बिना रुकावट काउंसुलर एक्‍सेस नहीं देना, कागज़ात नहीं देना, और खुद हाईकोर्ट चले जाना,  सब कुछ साफ दर्शाता है कि पाकिस्तान सिर्फ दिखावा कर रहा है. वह ना सिर्फ ICJ के फैसले बल्कि अपने ऑर्डिनेंस का भी उल्लंघन कर रहा है. वो ICJ के निर्देशानुसार जाधव को कानूनी अधिकार देने में नाकाम रहा है. ऐसे में भारत दूसरे रास्ते तलाशने के लिए मुक्त है. 

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जाधव के मामले में भारत 12 बार काउंसुलर एक्सेस मांग चुका है लेकिन पाकिस्तान ने बिना रुकावट ये पहुंच नहीं दी है. इससे पहले एक बार इसकी इजाज़त दी और एक बार जाधव की मां और पत्नी को मिलने की इजाज़त दी लेकिन पूरे वक्त पाक अधिकारी मौजूद रहे, रिकॉर्डिंग करते रहे. इस बार जब रिव्यू पिटीशन के मामले में भारतीय अधिकारी जाधव से मिल पाए तो लाख आश्वासन के बावजूद फिर वही सब दोहराया गया.