भारत ने अपनी समुद्री संपदा की सुरक्षा के लिए अमेरिका से गश्ती ड्रोन खरीदने के लिए आग्रह किया

भारत ने अपनी समुद्री संपदा की सुरक्षा के लिए अमेरिका से गश्ती ड्रोन खरीदने के लिए आग्रह किया

खास बातें

  • भारत ने ड्रोन खरीदने का आग्रह करते हुए अमेरिका को अनुरोध पत्र भेजा है
  • भारत की समुद्री संपदाओं के संरक्षण और निगरानी के लिए काम आएगा ड्रोन
  • 24 घंटे तक 50,000 फुट की ऊंचाई से निगरानी रखी जा सकती है इस ड्रोन
वाशिंगटन:

भारत ने हिंद महासागर में अपनी समुद्री संपदा के संरक्षण और निगरानी के लिए गश्ती ड्रोन खरीदने का आग्रह करते हुए अमेरिका को अनुरोध पत्र भेजा है। भारत की ओर से यह अनुरोध पत्र पिछले सप्ताह भेजा गया। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की मुलाकात के बाद भारत को मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (एमटीसीआर) में शामिल किया गया है और अमेरिका ने उसे एक ‘प्रमुख रक्षा साझीदार’ करार दिया।

यह मोदी सरकार के उन लक्ष्यों का हिस्सा है जो उसने समुद्री संपदाओं खासकर हिंद महासागर की संपदाओं को सुरक्षित करते और मुंबई हमले जैसी किसी भी घटना के बारे में पता करने के लिए तय किए हैं। सूत्रों ने बताया कि भारत ने इस पत्र में अमेरिका के जनरल एटॉमिक्स से अत्याधुनिक ‘मल्टी मिशन मेरीटाइम पैट्रोल प्रीडेटर गार्डियन यूएवी’ (मानवरहित यान) खरीदने की अनुमति मांगी है। इस यान के मिल जाने के बाद भारत को पूर्वी और पश्चिमी तट दोनों तरफ हिंद महासागर में अपनी समुद्री संपदाओं को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी।

यह गश्ती ड्रोन 50,000 फुट की उंचाई पर उड़ने की क्षमता रखता है। यह निरंतर 24 घंटे से अधिक समय तक उड़ान भरकर समुद्री क्षेत्र में फुटबाल के बराबर की आकार की वस्तुओं पर भी बारीकी से नजर रख सकता है।

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)


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