भारत ने गुरदासपुर हमला मामले में जब्त एनवीडी की पहचान में मदद के लिए अमेरिका से बात की

भारत ने गुरदासपुर हमला मामले में जब्त एनवीडी की पहचान में मदद के लिए अमेरिका से बात की

गुरदासपुर में आतंकी हमला के दौरान सुरक्षाकर्मी (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

भारत ने गुरदासपुर हमला करने वाले तीन आतंकवादियों द्वारा प्रयुक्त रात में देखने में मददगार उपकरण (नाइट विजन डिवाइस, एनवीडी) की पहचान में सहायता के लिए अमेरिका से बात की है। उधर जांचकर्ताओं ने लक्षित क्षेत्रों की टोह लिये जाने की संभावना से इनकार नहीं किया।

आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को कहा कि एनवीडी के अलावा, केन्द्रीय गृह मंत्रालय के जरिये दीना नगर के पुलिस थाने तक पहुंचने के लिए आतंकवादियों द्वारा प्रयुक्त ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम (जीपीएस) की जानकारी देने का भी अनुरोध किया गया। इस उपकरण के निर्माता अमेरिका में मौजूद हैं। दीना नगर में ही आतंकवादियों की पंजाब पुलिस से मुठभेड़ हुई थी।

सूत्रों ने कहा कि आतंकवादियों के पास से जब्त एनवीडी पर लिखा था कि यह अमेरिकी सरकार का है। इसका उपयोग रात में लक्ष्य की पहचान करने में उनकी मदद के लिए हमला करने वाली राइफल के साथ दूरबीन के रूप में किया गया।

सूत्रों ने कहा कि अनौपचारिक रूप से एफबीआई ने भारतीय जांचकर्ताओं को आश्वासन दिया है कि इस संबंध में हरसंभव सहायता दी जाएगी और यह भी संकेत दिया कि हो सकता है कि एनवीडी अफगानिस्तान में युद्ध लड़ रहे गठबंधन के सैन्य बलों से छीना गया हो।

आतंक संबंधी मामलों में करीबी सहयोग के लिए, भारत और अमेरिका ने एक दूसरे के दूतावासों पर राजनयिक स्टाफ के तहत अपनी संबंधित सुरक्षा एजेंसियों के जवान नियुक्त किए हैं।

भारतीय जांचकर्ताओं ने आतंकवादियों के पास से जब्त जीपीएस के संवाद के बारे में जानकारी मांगी। इससे जांच एजेंसी को यह पता लगाने में मदद मिल सकती है कि जीपीएस का शुरुआत में कहां प्रयोग हुआ या किसी देश से इसे लाया गया।

जीपीएस आमतौर पर ट्रैकिंग पर जाने वालों या अपरिचित क्षेत्रों पर जाने वाले सैनिकों द्वारा प्रयोग किया जाता है। यह एक ग्राहक को उपग्रह से जोडता है जिससे यात्री को रास्ते का पता करने में मदद मिलती है।

इस बीच, सूत्रों ने कहा कि सुरक्षा एजेंसी इस संभावना पर गौर कर रहे हैं कि आतंकवादियों को लक्ष्य के बारे में पहले से जानकारी दी गई और आशंका है कि किसी ने संभवत: घुसपैठ करके टोह ली हो।

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जीपीएस में ‘वे प्वाइंट’ में गुरदासपुर सिविल लाइंस क्षेत्र को भी आतंकवादियों के एक लक्ष्य के रूप में दिखाया गया क्योंकि यह पॉश इलाका है और वहां कई वरिष्ठ अधिकारी रहते हैं तथा सेना की एक कार्यालय इकाई मौजूद है।