भारत-अमेरिका ने रक्षा क्षेत्र में साजो-सामान के आदान-प्रदान संबंधी समझौते पर किए हस्‍ताक्षर

भारत-अमेरिका ने रक्षा क्षेत्र में साजो-सामान के आदान-प्रदान संबंधी समझौते पर किए हस्‍ताक्षर

खास बातें

  • यह इनको रक्षा क्षेत्र में साजो-सामान संबंधी निकट साझेदार बनाएगा
  • दोनों सेनाएं एक दूसरे की संपदाओं और अड्डों का इस्‍तेमाल कर सकेंगी
  • इसे साजो-सामान संबंधी आदान-प्रदान समझौता कहा गया
वाशिंगटन:

भारत और अमेरिका ने सोमवार को एक ऐसे महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किए जो दोनों देशों को रक्षा क्षेत्र में साजो-सामान संबंधी निकट साझेदार बनाएगा तथा इसके साथ ही दोनों सेनाएं मरम्मत एवं आपूर्ति के संदर्भ में एक दूसरे की संपदाओं और अड्डों का इस्तेमाल कर सकेंगी.

साजो-सामान संबंधी आदान-प्रदान समझौते (लेमोआ) पर हस्ताक्षर किए जाने का स्वागत करते हुए रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और अमेरिकी रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर ने कहा कि यह समझौता "व्यवहारिक संपर्क और आदान-प्रदान" के लिए अवसर प्रदान करेगा.

यह समझौता दोनों देशों की सेना के बीच साजो-सामान संबंधी सहयोग, आपूर्ति एवं सेवा की व्यवस्था प्रदान करेगा.
समझौते पर हस्ताक्षर के बाद जारी साझा बयान में कहा गया, "उन्होंने इस महत्व पर जोर दिया कि यह व्यवस्था रक्षा प्रौद्योगिकी एवं व्यापार सहयोग में नवोन्मेष और अत्याधुनिक अवसर प्रदान करेगा. अमेरिका ने भारत के साथ रक्षा व्यापार और प्रौद्योगिकी को साझा करने को निकटतम साझेदारों के स्तर तक विस्तार देने पर सहमति जताई है.''

बयान में कहा गया है कि दोनों देशों के बीच रक्षा संबंध उनके 'साझा मूल्यों एवं हितों' पर आधारित है.

 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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