'सेना आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का रचनात्मक, रक्षात्मक और विध्वंसक इस्तेमाल शुरू करेगी'
नई दिल्ली: तेजी से आधुनिक बनाने में जुटी सेना के कामकाज में अगले तीन साल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का बेहतरीन इस्तेमाल देखने को मिलेगा. दक्षिण पश्चिम कमान के लेफ्टिनेंट जनरल आलोक क्लेर ने कहा है कि सेना आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का रचनात्मक, रक्षात्मक और विध्वंसक इस्तेमाल शुरू करेगी. दरअसल तेजी से बदलते दौर में सेना और युद्ध भी परंपरागत तरीकों को छोड़कर दूसरा रूप अपना सकते हैं. मुमकिन है कि आने वाले वक़्त में मधुमक्खियों की तरह ड्रोन एक साथ दुश्मन पर टूट पड़ें, उनको पता हो कि ज़मीन पर कौन दोस्त है और कौन दुश्मन, उनका नियंत्रित और सटीक निशाना युद्ध की तस्वीर ही बदल दे. ऐसी चुनौतियों को देखते हुए सेना अब आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के ज़रिए अपनी ताक़त बढ़ाने की तैयारी शुरू कर चुकी है.