भारतीय लोगों को बाहरी नहीं बताया, बंगाल के स्वाभिमान को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है : ममता बनर्जी

टीएमसी प्रमुख ने आरोप लगाया, ‘‘बंगाल की रीढ़ की हड्डी, स्वाभिमान और इतिहास को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है.

भारतीय लोगों को बाहरी नहीं बताया, बंगाल के स्वाभिमान को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है : ममता बनर्जी

बोलपुर (पश्चिम बंगाल:

दूसरे राज्यों से पश्चिम बंगाल आने वाले लोगों को ‘‘बाहरी'' कहे जाने पर भाजपा की तरफ से प्रहार का सामना कर रही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि वह उस टैग को देशवासियों के साथ नहीं लगाती हैं, लेकिन भारत के लोगों पर बाहरी विचार प्रक्रिया थोपने के कथित प्रयास के खिलाफ हैं. तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो बनर्जी ने दावा किया कि बंगाल की रीढ़ की हड्डी और स्वाभिमान को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. बीरभूम जिले में संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि गड़बड़ी पैदा कर राज्य के राजनीतिक तानाबाना को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है. बनर्जी और उनकी पार्टी अगले वर्ष अप्रैल-मई में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले अक्सर भाजपा पर राज्य में ‘‘बाहरी'' लोगों को लाने का आरोप लगाती है.

भगवा दल के यह पूछने पर कि दूसरे राज्यों से पश्चिम बंगाल आने वाले लोगों को वह कैसे बाहरी कह सकती हैं तो बनर्जी ने कहा, ‘‘हम अपने देश के लोगों को बाहरी नहीं कहते. निश्चित तौर पर हम सभी किसी भी राज्य में जा सकते हैं.'' मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हम कहते हैं कि हमारी संस्कृति भारतीयता है, न कि बाहरी सोच प्रक्रिया जिसे वे फैला रहे हैं.'' बनर्जी ने दावा किया कि देश में सभी संस्थानों, संस्कृति और ज्ञान के केंद्र की आधारशिला को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है -- ‘‘पुडुचेरी से लेकर नालंदा विश्वविद्यालय से लेकर जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय तक.'' उन्होंने कहा कि ये सब वे लोग कर रहे हैं, जो रवींद्रनाथ टैगोर के बारे में कुछ नहीं जानते.

टीएमसी प्रमुख ने आरोप लगाया, ‘‘बंगाल की रीढ़ की हड्डी, स्वाभिमान और इतिहास को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. झूठ और गलत सूचनाएं फैलाकर बंगाल की संस्कृति का अपमान करने का प्रयास किया जा रहा है.'' ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से कहा कि बीरभूम जिले के दुबराजपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 60 का बाईपास बनाने के लिए पोस्टर लगाएं, रैलियों का आयोजन करें और अधिकारियों का घेराव करें. स्थानीय लोगों ने शिकायत की कि परियोजना का काम पिछले दस वर्षों से लंबित है.

उन्होंने यहां एक प्रशासनिक समीक्षा बैठक में कहा कि एनएच 60 पर अधूरा काम केंद्र का जानबूझकर किया गया कृत्य है. बैठक में बनर्जी ने कहा, ‘‘हमारा (राज्य सरकार का) इससे कोई लेना-देना नहीं है. यह (रोड बाईपास) हमारे हाथ में नहीं है, केंद्र सरकार इसकी देखभाल करता है.''

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बनर्जी ने स्थानीय तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं से कहा, ‘‘सड़क पर पोस्टर लगाएं और पूछें कि केंद्र सरकार इसे पूरा क्यों नहीं कर रही है. उनसे यह भी कहें कि अगर वे इस परियोजना को पूरा करने में अक्षम हैं तो इसे राज्य सरकार को सौंप दें और हम इसे पूरा करेंगे... बैठक, रैलियां करें और अधिकारियों का घेराव करें और इसके लिए अपनी आवाज उठाएं.''



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)