यह ख़बर 09 अक्टूबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

‘हुदहुद’ 12 अक्तूबर को आंध्र प्रदेश को पार करेगा, शनिवार को तेज बारिश के आसार

नई दिल्ली:

मौसम विभाग ने बताया कि चक्रवात ‘हुदहुद’ ओडिशा और आंध्र प्रदेश के तट की ओर बढ़ रहा है तथा अगले 12 घंटे में यह भीषण चक्रवाती तूफान का रूप ले लेगा।

भारतीय मौसम विभाग के आज के बुलेटिन में कहा गया है कि सुबह 8 बज कर 30 मिनट के आसपास चक्रवात गोपालपुर से 780 किमी दक्षिण..दक्षिण पूर्व की ओर तथा विशाखापट्नम से 770 किमी दक्षिण पूर्व में था।

बुधवार को पूर्वाह्न 11 बज कर 30 मिनट पर यह चक्रवात गोपालपुर से 1100 किमी दक्षिण पूर्व में और विशाखापटनम से 1150 किमी पूर्व..दक्षिण पूर्व में था।

बुलेटिन में कहा गया है, चक्रवात लगातार पश्चिम-उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ेगा, अगले 12 घंटे में यह भीषण चक्रवाती तूफान का रूप ले लेगा और उसके बाद 24 घंटे के दौरान यह प्रचंड हो जाएगा। 12 अक्तूबर को दोपहर के पहले तक यह चक्रवात उत्तरी आंध्र प्रदेश के तटीय हिस्से को पार कर जाएगा। बहरहाल, अंडमान निकोबार द्वीपसमूह के ऊपर इस चक्रवात की वजह से ‘किसी प्रतिकूल मौसम का पूर्वानुमान न होने’’ के कारण इस द्वीपसमूह के लिए ‘डी..वार्निंग’ जारी की गई है।

मौसम विभाग ने उत्तरी आंध्रप्रदेश के तटीय हिस्से और दक्षिणी ओडिशा के लिए तेज बारिश होने की चेतावनी जारी की है।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

बुलेटिन में यह भी कहा गया है, चक्रवात के प्रभाव की वजह से 11 अक्तूबर की शाम से दक्षिणी ओडिशा के ज्यादातर इलाकों में भारी बारिश (6.5 सेमी से 12.4 सेमी), कुछ इलाकों में अत्यधिक बारिश (12.5 सेमी से 24.4 सेमी) और कुछ में बहुत ही भीषण बारिश (24.5 सेमी से अधिक) हो सकती है। उत्तर तटीय आंध्रप्रदेश के विशाखापटनम, विजयनगरम, श्रीकाकुलम जिलों में भी इसी तरह बारिश होगी। मौसम विभाग के अनुसार, उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिणी ओडिशा के तटीय हिस्सों में हवाओं की गति 50 से 60 किमी प्रति घंटा हो रही है, जो 11 अक्तूबर की सुबह तक 70 किमी प्रति घंटा तक हो जाएगी। इसके बाद 12 अक्तूबर से हवाओं की गति 130..140 किमी प्रति घंटा और फिर 150 किमी प्रति घंटा तक हो जाएगी। विभाग के बुलेटिन में कहा गया है कि समुद्र में 11 अक्तूबर की सुबह से ऊंची लहरें उठेंगी। 12 अक्तूबर की सुबह से लहरें भयावह रूप ले लेंगी। चक्रवात के प्रभाव की वजह से कच्चे मकानों को व्यापक नुकसान पहुंचेगा। बिजली और संचार की लाइनें आंशिक रूप से बाधित होंगी। रेल और सड़क यातायात भी प्रभावित होगा तथा उड़ते मलबे से भी खतरा होगा।