कोरोना से भारत की लड़ाई : ये 5 कदम तत्काल उठाए जाने की है जरूरत

भारत पर्याप्त संख्या में लोगों की जांच नहीं कर बहुत बड़ी गलती कर रहा है, कोरोना वायरस से लड़ने के तौर तरीकों को देखते हुए कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने यह चेतावनी दी है.

कोरोना से भारत की लड़ाई : ये 5 कदम तत्काल उठाए जाने की है जरूरत

भारत में कोरोना वायरस से 100 से अधिक लोग संक्रमित (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

भारत पर्याप्त संख्या में लोगों की जांच नहीं कर बहुत बड़ी गलती कर रहा है, कोरोना वायरस से लड़ने के तौर तरीकों को देखते हुए कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने यह चेतावनी दी है. वर्तमान में हजारों की संख्या में लोग संक्रमित हो सकते हैं जिसे कम्यूनिटी ट्रांसमिशन के नाम से जाना जाता है, और हमें ये पता भी नहीं है. ये संक्रमित लोग जिनकी जांच नहीं की गई है वो कई अन्य हजारों लोगों को संक्रमित कर रहे हैं. इस वायरस से लड़ने में दक्ष‍िण कोरिया की सफलता का श्रेय बड़ी संख्या में लोगों की जांच को दिया जा सकता है, जिसमें ड्राइव-इन टेस्ट सेंटरों के जरिए जांच भी शामिल है.

यहां कुछ ऐसे कदम हैं जो भारत को तुरंत उठाने की जरूरत है ताकि कोरोना की जांच व्यापक रूप से सुलभ हो सके

  1. निजी क्षेत्र को जांच करने की इजाजत दी जानी चाहिए. वर्तमान में सरकार द्वारा 1896 के प्लेग से निपटने के एक कानून को लागू किए जाने की वजह से निजी प्रयोगशालाओं द्वारा ऐसे टेस्ट करना प्रतिबंधित‍ है.
  2. भारत ने कई अंतरराष्ट्रीय जांच किट पर प्रतिबंध लगा रखा है जिनका इस्तेमाल विदेशों में हो रहा है. इन परीक्षणों की अभी भी जांच की जा रही है. इन टेस्ट‍िंग किटों में कई (उदाहरण के लिए Roche व अन्य) अमेरिका और यूरोप में भी इस्तेमाल हो रहा है.
  3. वर्तमान में सरकारी अस्पतालों में मरीजों द्वारा लाइन में खड़े होने को भी तुरंत बंद किया जाना चाहिए. लाइन में खड़े होने के समय लोग संभावित रूप से एक दूसरे को संक्रमित कर रहे हैं. लोगों के घरों से नाक के स्वाब एकत्र करके टेस्ट किए जाने चाहिए. इसके लिए भारी संख्या में सैंपल इकट्ठा करने वालों की जरूरत है. केवल निजी क्षेत्र को शामिल करके भारत यह महत्वपूर्ण सेवा प्रदान कर सकता है.
  4. जांच मुफ्त में की जानी चाहिए. सरकार को यह सुनिश्चत करने के लिए तुरंत बड़े पैमाने पर फंड निर्धारित करने की जरूरत है.
  5. संक्रमित मरीजों को निजी अस्पतालों में दखिल किए जाने पर से प्रतिबंध तुरंत हटा लेना चाहिए. वास्तव में, सरकार को इस बात पर जोर देना चाहिए कि कोरोना वायरस के रोगियों को भार्ती करने के लिए निजी अस्पताल आसोलेशन वार्ड बनाएं.
  6. जब जांच व्यापक पैमाने पर की जाएगी, तब बहुत बड़ी तादाद में लोगों को कोरोनावायरस से ग्रसित पाया जाएगा. यह ज़रूरी है कि हर ऐसे व्यक्ति से बेहद बारीकी से बातचीत की जाए, ताकि पता लगाया जा सके कि वह किस-किस से संपर्क में आया. यह बहुत बड़ा काम है, जिसके लिए बड़ी तादाद में प्रशिक्षित लोगों की ज़रूरत होगी. इसके लिए सेना को तैनात किए जाने की ज़रूरत है. इस बड़ी ज़रूरत को पूरा करने के लिए उनके पास पर्याप्त संख्याबल तथा प्रशिक्षण भी है.

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