नई दिल्ली: वेब-चेक-इन पर हर सीट के लिए शुल्क वसूलने के एयरलाइंस कंपनियों के निर्णय की सरकार समीक्षा कर रही है. नागर विमानन मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि वह देखेगी कि कंपनियों का यह फैसला मौजूदा नियमों के अनुरूप है या नहीं. सस्ती विमान सेवा देने वाली कंपनी इंडिगो और स्पाइसजेट ने 14 नवंबर से वेब चेक-इन पर शुल्क वसूलना शुरू कर दिया है. कंपनी के इस कदम की सोशल मीडिया पर काफी आलोचना के बाद इंडिगो की ओर से सफाई दी गई कि सीटों के एडवांस चयन पर ही फीस वसूली जाएगी. वेब चेकिंग पर कोई फीस नहीं वसूली जाएगी. एयरलाइंस की ओर से यह भी कहा गया है कि अगर यात्री ने किसी सीट की वरीयता नहीं दी है तो उससे कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा. हालांकि नागर विमानन मंत्रालय ने कंपनियों के इस फैसले की समीक्षा का निर्णय किया है. मंत्रालय ने कहा कि कंपनियां वेब चेक-इन पर सभी सीटों के लिए शुल्क वसूल रही हैं, ऐसा हमारे संज्ञान में है लेकिन हम इसकी समीक्षा करेंगे कि यह अलग-अलग सेवाओं के लिए कीमत निर्धारण करने की मौजूदा व्यवस्था के अनुरूप है या नहीं.
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हालांकि तत्काल तौर पर यह नहीं कहा जा सकता कि अन्य बजट एयरलाइंस कंपनियों ने भी अपनी वेब चेक-इन व्यवस्था को बदला है या नहीं. इंडिगो ने अपने निर्णय में कहा है कि संशोधित नीति के अनुरूप वेब चेक-इन के दौरान सभी सीटों पर शुल्क वसूला जाएगा. वहीं आप हवाईअड्डे पर सभी सीट मुफ्त में चेक-इन कर सकते हैं. सीटों का आबंटन उपलब्धता के अनुरूप होगा.
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