Click to Expand & Play
नई दिल्ली: अर्थव्यवस्था की रफ़्तार में आई गिरावट देखते हुए उद्योग संघ एसोचैम ने स्टिमुलस पैकेज की मांग की है. उधर पीएम की आर्थिक सलाहकार काउंसिल के अध्यक्ष बिबेक देबराय ने सरकार के सामने इकोनॉमिक रिवाइवल के लिए एक नया रोडमैप पेश किया है. भारतीय उद्योगों पर पटरी में लाने के लिए कम से कम एक लाख करोड़ के पैकेज की ज़रूरत है- ये बात एसोचैम ने सरकार के सामने रख दी है.
एसोचैम के असिसटेन्ट सेक्रेटरी जनरल अजय शर्मा ने एनडीटीवी से कहा, 'एसोचैम के अध्यक्ष ने हाल ही में वित्त मंत्री से मिल कर एक लाख करोड़ के स्टिमुलस पैकेज की मांग की है. अर्थव्यवस्था के फंडामेंटल्स मज़बूत हैं लेकिन अर्थव्यवस्था में ग्रोथ सेंटिमेंट रिवाइव करने के लिए स्टिमुलस पैकेज की ज़रूरत है.
इस मांग के बीच पीएम की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष अर्थशास्त्री बिबेक देबराय ने इकोनॉमिक टाइम्स में लेख लिखकर सरकार को चार अहम सुझाव दिए हैं. उनका कहना है जीएसटी की 3 दरें 6%, 12% और 18% हों. कॉरपोरेट सोशल रिसपॉन्सिबिलीटी और टैक्स सरचार्ज हटाए जाएं, सरकारी उद्यमों को निजी हाथों में सौंपा जाए और सरकार अपना ख़र्च घटाए. 10 से 15 सरकारी योजनाएं ही चलाए, फिलहाल 28 बड़ी योजनाएं चल रही हैं.
सरकार का संकट ये है कि उसे बाज़ार का खयाल भी रखना है और बजट की ज़रूरतों का भी. आम आदमी के हितों की भी चिंता करनी है और बड़ी बड़ी कंपनियों के लिए भी माहौल बनाना है. साफ है, बजट पेश कर चुकीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की चुनौतियां अभी कम नहीं हुई हैं. देखना होगा कि इस आर्थिक संकट से निबटने का क्या रास्ता वो खोज पाती हैं.