यह ख़बर 14 अगस्त, 2013 को प्रकाशित हुई थी

रूस में मरम्मत कराई गई थी आईएनएस सिंधुरक्षक

(चित्र परिचय : आईएनएस सिंधुरक्षक में लगी आग)

खास बातें

  • मरम्मत के दौरान पनडुब्बी में क्लब एस क्रूज मिसाइल और 10 भारतीय एवं विदेश निर्मित प्रणालियां जोड़ी गई थीं। इसके अलावा जहाज की सैन्य क्षमता और सुरक्षा बढ़ाने के लिए पनडुब्बी को ठंडा रखने वाली प्रणाली को उन्नत किया गया था।
मुंबई:

मुंबई में बुधवार को जिस भारतीय पनडुब्बी आईएनएस सिंधुरक्षक में विस्फोट के बाद आग लग गई उसे रूस के ज्वेज्दोचका पोत कारखाने में मरम्मत के बाद भारत को सौंपा गया था। भारतीय नौसेना की इस डीजल इलेक्ट्रिक पनडुब्बी को मरम्मत के लिए रूस भेजा गया था।

अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार देर रात उच्च सुरक्षा वाले नौसेना पोतगाह में इस पनडुब्बी में तेज विस्फोट के बाद आग लग गई।

समाचार एजेंसी आरआईए नोवोस्ती ने पूर्व में कहा था कि 877 ईकेएम (नाटो किलो-क्लास) परियोजना वाली पनडुब्बी आईएनएस सिंधुरक्षक (एस63) की मरम्मत और आधुनिकीकरण के लिए जून 2010 में अनुबंध किया गया था।

मरम्मत के दौरान पनडुब्बी में क्लब एस क्रूज मिसाइल और 10 भारतीय एवं विदेश निर्मित प्रणालियां जोड़ी गई थीं। इसके अलावा जहाज की सैन्य क्षमता और सुरक्षा बढ़ाने के लिए पनडुब्बी को ठंडा रखने वाली प्रणाली को उन्नत किया गया था।

रूस ने 1995 में निर्मित पनडुब्बी (आईएनएस सिंधुरक्षक) को दिसंबर 1997 में भारत को सौंपा था।

एक साथ 52 नौसैनिकों की क्षमता वाले सिंधुरक्षक में 19 नॉट्स (35 किलोमीटर प्रति घंटा) की रफ्तार और समुद्र में 300 मीटर की गहराई तक जाने की क्षमता थी।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

परमाणु ऊर्जा वाली पनडुब्बियों की मरम्मत में निपुण ज्वेज्दोचका पहले भी चार भारतीय डीजल इलेक्ट्रिक पोतों सिंधुवीर (एस58), सिंधुरत्न (एस59), सिंधुगोश (एस55) और  सिंधुद्वज (एस56) की मरम्मत कर चुका है।