यह शहीद हेमंत करकरे का अपमान : मालेगांव केस पर जूलियो रिबेरो

यह शहीद हेमंत करकरे का अपमान : मालेगांव केस पर जूलियो रिबेरो

हेमंत करकरे (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

2008 के मालेगांव ब्लास्ट मामले में साध्वी प्रज्ञा और अन्य आरोपियों को क्लीन चिट मिलने के बाद इस केस की जांच कर रहे हेमंत करकरे की भूमिका को लेकर कुछ लोगों ने सवाल उठाए, जिसे लेकर पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर ने कहा कि यह उनकी शहादत का अपमान है। करकरे 26/11 हमले के दौरान आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे।

हेमंत करकरे का अपमान
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर जूलियो रिबेरो ने एनडीटीवी के वॉक द टॉक शो में कहा कि यह उनकी शहादत का अपमान है। वह उन कुछ लोगों द्वारा लगाए गए आरोपों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसमें कहा जा रहा है कि उन्होंने साध्वी प्रज्ञा, कर्नल पुरोहित और अन्य आरोपियों के खिलाफ 'सबूत गढ़े और झूठी रिपोर्ट' तैयार की।
 


मुंबई पुलिस है परेशान
पूर्व पुलिस अधिकारी ने कहा, अब जब वह खुद अपने बचाव के लिए मौजूद नहीं हैं तो हम उनका बचाव कर रहे हैं।  मुंबई पुलिस इन आरोपों से परेशान है। पुलिसकर्मी करकरे को जानते हैं। उनकी मौत के बाद वे सभी उनसे भावनात्मक रूप से और गहराई से जुड़े हैं।

हेमंत करके महाराष्ट्र एटीएस के प्रमुख थे। वह 29 सितबंर 2008 में हुए मालेगांव धमाकों की जांच कर रहे थे, जिसमें छह लोगों की मौत 101 लोग घायल हुए थे। धमाकों की साजिश के आरोप में कर्नल पुरोहित, साध्वी प्रज्ञा और अन्य लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था।

साध्वी प्रज्ञा और अन्यों को क्लीन चिट
साल 2008 के मालेगांव धमाके के मामले में पूरा ‘यू-टर्न’ लेते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी :एनआईए: ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और पांच अन्य आरोपियों के खिलाफ सभी आरोप हटा लिए हैं जबकि लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित सहित सभी 10 अन्य आरोपियों के खिलाफ सख्त मकोका कानून के तहत लगाए गए आरोप भी हटा लिए थे। एनआईए ने दावा किया कि जांच के दौरान प्रज्ञा सिंह ठाकुर और पांच अन्य के खिलाफ ‘‘पर्याप्त सबूत नहीं पाए गए। एजेंसी ने कहा कि उसने आरोप-पत्र में कहा है कि ‘‘उनके खिलाफ दर्ज मुकदमा चलाने लायक नहीं है।

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