यह ख़बर 08 मार्च, 2012 को प्रकाशित हुई थी

नरेंद्र हत्याकांड की न्यायिक जांच के आदेश, मौत पर राजनीति जारी

खास बातें

  • प्रदेश सरकार ने आईपीएस नरेंद्र कुमार हत्याकांड की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं, वहीं कांग्रेस ने राज्य में माफियाराज होने का आरोप लगाया है।
मुरैना / भोपाल / अलीगढ़:

मध्य प्रदेश में माफियाओं ने होली के दिन खाकी वर्दीधारियों से खून की होली खेली, जिसमें भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के एक अधिकारी की जान चली गई, जबकि दूसरे की खुशनसीबी रही कि वह बच गया।

प्रदेश सरकार ने आईपीएस नरेंद्र कुमार हत्याकांड की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं, वहीं कांग्रेस ने राज्य में माफियाराज होने का आरोप लगाया है।

मुरैना के बामौर में अनुविभागीय अधिकारी के पद पर तैनात आईपीएस नरेंद्र कुमार को गुरुवार को जब अवैध खनन कर पत्थर ढोए जाने की जानकारी मिली तो उन्होंने एक ट्रैक्टर को रोकने की जांच की कोशिश की, तो चालक ने ट्रैक्टर को सड़क से नीचे उतार दिया। नरेंद्र ने फिर कोशिश की तो चालक ने ट्रैक्टर उन्हीं पर चढ़ा दिया।

नरेंद्र कुमार को ग्वालियर अस्पताल ले जाया गया, मगर इलाज से पहले ही उनकी मौत हो गई। नरेंद्र के पिता केशव देव ने स्थानीय पुलिस पर सहयोग न करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि एक आईपीएस अफसर ट्रैक्टरों की जांच करे और उसके साथ कोई पुलिस बल न होना इस बात का संकेत है कि अंजाम से वाकिफ पुलिस प्रशासन ने कार्रवाई में नरेंद्र साथ नहीं दिया। उनका आरोप है कि नरेंद्र की हत्या किसी साजिश का हिस्सा है।

नरेंद्र कुमार वर्ष 2009 के आईपीएस थे। वह पहले बिहार कैडर के आईपीएस थे और पिछले दिनों ही मध्य प्रदेश में आए थे। नरेंद्र कुमार ने कुछ ही दिनों के भीतर अवैध कार्य में लगे कई वाहनों को पकड़ा था। यही कारण है कि वे अवैध खनन कारोबारियों की आंख की किरकिरी बन गए थे।  उनकी पत्नी मधुरानी तेवतिया मध्य प्रदेश कैडर की भारतीय प्रशानिक सेवा अधिकारी (आईएएस) हैं। इन दिनों वह गर्भवती हैं और अवकाश पर हैं।

राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस घटना की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि राज्य में माफियाओं के खिलाफ  अभियान चलाया जा रहा है और यह आगे भी जारी रहेगा। उन्होंने कहा, "सरकार माफियाओं से पूरी सख्ती से निपटेगी।"

नरेंद्र कुमार की मौत के कुछ घंटे बाद ही मुरैना के पड़ोसी जिले भिण्ड में शराब कारोबारी के गुर्गो ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जयदेवन पर हमला कर दिया। हमलावरों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक पूर्व विधायक भी शामिल हैं।

बताया गया है कि गुरुवार की रात प्रतिबंध के बावजूद भिण्ड के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जयदेवन को शराब की दुकान खुली होने की सूचना मिली। पुलिस बल के साथ पहुंचे जयदेवन ने जब शराब दुकान के कर्मचारियों से दुकान बंद करने को कहा तो उन्होंने उलटा जयदेवन पर हमला कर दिया। इतना ही नहीं, बाद में पुलिस को फंसाने के लिए कर्मचारियों ने अपनी ही दुकान में तेाड़फोड़ कर दी।

जयदेवन ने बताया, "होली के मौके पर शराब की दुकानें खोलने पर प्रतिबंध लगाया गया था, मगर एक दुकान में शराब बिक रही थी। जब मैं मौके पर पहुंचा तो मेरे साथ अभद्रता की गई और दुकानदार ने खुद दुकान में तोड़फोड़ की।"

चंबल क्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक डीपी गुप्ता ने शुक्रवार को पत्रकारों को बताया कि हमलावरों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। हमलावरों में भाजपा के पूर्व विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाहा सहित नौ नामजद व 15 अज्ञात शामिल हैं। इनमें से कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है।

विपक्षी कांग्रेस ने राज्य में बढ़ते अवैध खनन के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया और नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा है कि अवैध खनन के कारोबारियों को प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर कई मंत्रियों का संरक्षण हासिल है। यही कारण है कि वे पुलिस पर भी हमला करने से नहीं चूक रहे हैं।  

दूसरी ओर, नरेंद्र कुमार का मथुरा के उनके पैतृक गांव लालपुर में अंतिम संस्कार कर दिया गया। दाह संस्कार से पहले तिरंगे में लिपटे नरेन्द्र कुमार के शव को पुलिसबलों ने आखिरी सलामी दी। इस जाबांज आईपीएस को आखिरी विदाई देने पूरा गांव उमड़ पड़ा।

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आईपीएस अधिकारी नरेंद्र कुमार का शव यूपी के अलीगढ़ पहुंचा तो श्रद्धांजलि देने के लिए सैकड़ों की भीड़ उमड़ पड़ी। नरेंद्र कुमार के पिता अलीगढ़ में तैनात है और यहां उनके कई रिश्तेतार भी रहते हैं। यही वजह है कि शव को मथुरा से पहेल अलीगढ़ लाया गया।