आईआरसीटीसी ने उपभोक्ताओं की सहायता के लिए ‘आस्कदिशा’ शुरू किया

रेलवे की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘‘आईआरसीटीसी चैटबोट ’आस्कदिशा’ आईआरसीटीसी द्वारा मुहैया कराये जाने वाली सेवाओं से संबंधित उपभोक्ताओं के सवालों के जवाब देकर एक बेहतर एवं सहज ग्राहक सहायता मुहैया कराएगा.

आईआरसीटीसी ने उपभोक्ताओं की सहायता के लिए ‘आस्कदिशा’ शुरू किया

प्रतीकात्मक चित्र

नई दिल्ली:

भारतीय रेलवे खानपान व पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) ने रेलवे यात्रियों के वास्ते उपभोक्ता सेवाओं में सुधार के लिए शनिवार को कृत्रिम बुद्धिमत्ता से संचालित एक चैटबोट ‘आस्कदिशा’ शुरू किया. यह जानकारी रेलवे की ओर से जारी एक बयान में दी गई है. ‘चैटबोट’ एक विशेष कम्प्यूटर प्रोग्राम होता है जो विशेष तौर पर इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों के साथ संवाद के लिए तैयार किया जाता है. रेलवे की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘‘आईआरसीटीसी चैटबोट ’आस्कदिशा’ आईआरसीटीसी द्वारा मुहैया कराये जाने वाली सेवाओं से संबंधित उपभोक्ताओं के सवालों के जवाब देकर एक बेहतर एवं सहज ग्राहक सहायता मुहैया कराएगा. यह कई क्षेत्रीय भाषाओं में सेवाएं मुहैया कराएगा और आवाज के साथ भी जानकारी देगा. इसे जल्द ही आईआरसीटीसी एन्ड्रॉइड एप से जोड़ा जाएगा.

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गौरतलब है कि इससे पहले आईआरसीटीसी ने उपभोक्ताओं की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए ई-वॉलेट भी लांच किया था. इस ई-वॉलेट को यूज़र पेटीएम और फ्रीचार्ज जैसे ई-वॉलेट की तरह ही इस्तेमाल कर पाएंगे. इस ई-वॉलेट में पहले से रुपये जमा करने का विकल्प होगा. बाद में इसकी मदद से टिकट बुक करवाना संभव होगा. ख़ास बात यह भी कि यह वॉलेट यूज़र को तत्काल टिकट बुकिंग में भी मददगार होगा.

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इससे पहले तत्काल बुकिंग की सुविधा ऐसे किसी वॉलेट में अब तक नहीं दी गई है. टेलीकॉमटॉक की रिपोर्ट के मुताबिक, IRCTC की वेबसाइट पर लिखा गया है कि पेटीएम और मोबीक्विक जैसे ई-वॉलेट की तरह ही यूज़र आईआरसीटीसी के वॉलेट में पैसे जमा कर सकते हैं. इस तरह टिकट बुकिंग में यूज़र का काफी समय भी बचता है. इस ई-वॉलेट एकाउंट में अधिकतम 10 हजार रुपए तक जमा किए जा सकते हैं.

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किसी भी पेमेंट विकल्प का उपयोग कर वन-टाइम रजिस्ट्रेशन शुल्क 50 रुपए (सेवा शुल्क सहित) यहां चुकाने होंगे. ध्यान रहे, रेलवे राज्य मंत्री राजन गोहेन ने एक आधिकारिक बयान में कहा है कि सरकार रेलवे टिकट रिज़र्वेशन सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए कदम उठा रही है. यदि ट्रेन रद होती है तो पैसे अपने-आप बुकिंग के लिए इस्तेमाल किए गए वॉलेट में आ जाएंगे. यात्री को उसके पैसे बुकिंग के लिए इस्तेमाल किए गए ऐप में वापस मिल जाएंगे और पीएनआर भी अपने आप रद हो जाएगा. (इनपुट भाषा से) 


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