ज्ञापन सौंपते फोटो लेने से नाराज़ महिला IAS ने आप नेता को करवाया गिरफ्तार, भेजा जेल

ज्ञापन सौंपते फोटो लेने से नाराज़ महिला IAS ने आप नेता को करवाया गिरफ्तार, भेजा जेल

कर्नलगंज थाने में आप नेता सुनील चौधरी

इलाहाबाद:

यूपी में सत्ता पक्ष के नेताओं और अफसरों की तुनकमिजाजी के मामलों में एक नया अध्याय जुड़ गया है। यह नया मामला इलाहाबाद का है, जहां आम आदमी के पार्टी के एक नेता को महज इसलिए जेल भेज दिया गया, क्योंकि उसने महिला आईएएस अधिकारी को ज्ञापन सौंपते वक्त मोबाइल से उनके साथ अपनी फोटो खिंचवा ली थी। अपने साथ फोटो खींचे जाने पर सदर तहसील की एसडीएम और आईएएस अधिकारी हर्षिता माथुर को इस कदर गुस्सा आया कि उन्होंने न सिर्फ आप नेता सुनील चौधरी का मोबाइल जब्त करा लिया, बल्कि खरी-खोटी सुनाते हुए उन्हें पुलिस को भी सौंप दिया।

बताया जा रहा है कि पुलिस ने आप नेता सुनील को कई घंटे लॉकअप में रखने के बाद उन्हें जेल भेज दिया। पुलिस ने सुनील चौधरी को सिर्फ शांति व्यवस्था बिगाड़ने में आईपीसी की दफा-151 के तहत शांतिभंग के आरोप में नैनी सेन्ट्रल जेल भेज दिया गया है।

आरोप है कि जेल भेजने से पहले पुलिस ने थाने पर आप नेता की जमकर पिटाई भी की और उनके समर्थन में आए आप के दूसरे कार्यकर्ताओं के साथ धक्का-मुक्की कर उन्हें वहां से जबरन भगा दिया।

आम आदमी पार्टी ने इस मुद्दे पर संबंधित कर्नलगंज थाने पर विरोध प्रदर्शन भी किया और सुनील चौधरी को बिना शर्त रिहा किए जाने और एसडीएम व पुलिस वालों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की। दूसरी तरफ मामला सुर्ख़ियों में आने के बाद पुलिस व प्रशासन के अफसरान बैकफुट पर आ गए हैं। अफसर यह तो मान रहे है कि विवाद सिर्फ फोटो खींचने पर हुआ था, लेकिन उनकी दलील है कि सुनील को ऐसा करने से रोकने पर, वो हंगामा करते हुए माहौल खराब करने की भी कोशिश करने लगा था।

उसके बाद यही काम सुनील और उसके साथियों ने थाने में भी किया, जब पुलिस उनको लिखा-पढ़ी करके छोड़ रही थी। दोबारा वही फोटो खींचने वाली गलती दोहराने पर उन्हें लॉकअप में डाल दिया गया। अफसरों के मुताबिक़ इसी वजह से उन्हें थाने से जमानत भी नहीं दी गई और उनका चालान कर उन्हें जेल भेज दिया गया।

पूरा माज़रा
जानकारी के अनुसार इलाहाबाद में आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता सुनील चौधरी बदनाम गलियों में तब्दील हो चुके शहर के चौक मोहल्ले के रेड लाइट इलाके में चलने वाले जिस्मफरोशी के धंधे को ख़त्म कराने की मांग को लेकर पिछले डेढ़ साल से लगातार आंदोलन कर रहे हैं। इलाके के लोगों के साथ ही कई सामाजिक संगठन भी इस मुहिम में उनके साथ हैं। इसी मामले को लेकर सुनील चौधरी कुछ कार्यकर्ताओं के साथ मंगलवार को सदर तहसील पहुंचे और वहां महिला एसडीएम हर्षिता माथुर को ज्ञापन देने लगे। ज्ञापन सौंपते वक्त सुनील चौधरी ने एक कार्यकर्ता को अपना मोबाइल देकर उससे फोटो खींचने को कहा। फोटो क्लिक होते ही एसडीएम हर्षिता माथुर भड़क गईं और उन्होंने अर्दली व दूसरे स्टाफ से सुनील का मोबाइल जब्त कराकर पुलिस बुला ली।

आप नेता इस दौरान लाख दलील देते रहे, लेकिन उनकी एक नहीं सुनी गई। मौके पर पहुंची कर्नलगंज थाने की पुलिस ने कई घंटे लॉकअप में रखने के बाद सुनील को शांति भंग की आशंका में दफा 151 के तहत चालान कर जेल भेज दिया।

एसडीएम हर्षिता माथुर का पक्ष
इस बारे में एसडीएम हर्षिता माथुर ने फोन पर बताया कि पुलिस बुलाने के बाद उन्होंने सुनील से लिखित माफीनामा देने को कहा था। सुनील इसके लिए राजी नहीं हुआ तो उसके आगे की कार्रवाई पुलिस ने की। हालांकि वह कैमरे पर कुछ भी बोलने को राजी नहीं हुईं। हर्षिता माथुर 2012 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। ट्रेनिंग के बाद उनकी पहली पोस्टिंग इलाहाबाद में ही हुई है।

अन्य आप नेता का बयान
मामले पर आप नेता अंजनी त्रिपाठी का आरोप है कि पार्टी के कार्यकर्ता सुनील चौधरी जब एसडीएम सदर को ज्ञापन देने गए तब उन्होंने रिसीविंग मांगी तो एसडीएम ने कहा कि यहां कोई रिसीविंग नहीं मिलती। इस पर चौधरी ने कहा, एक फोटोग्राफ ले लें, अपने रिकॉर्ड के लिए। इतने में वो मैडम बिगड़ गईं और पुलिस को बुलाकर गिरफ्तार करवा लिया।

इलाहाबाद पुलिस का पक्ष
इलाहाबाद के एसपी सिटी राजेश यादव का कहना है कि कोई ज्ञापन देना था, इन्होंने एसडीएम सदर को दिया। ज्ञापन देने के बाद बातचीत का लहज़ा और जो चीजें भी थी उनको मना किया गया, जिस पर इन्होंने कुछ अभद्रता की। वहां पर न्यूसेंस क्रिएट करने की कोशिश की। जिस वजह से इनका शांतिभंग में चालान करा दिया गया।

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क्या कहता है जिला प्रशासन
इस मामले में जिला प्रशासन की ओर से एडीएम सिटी एसके शर्मा का कहना है कि आम आदमी के पदाधिकारी आये और पीछे बैठ गए और बिना कुछ बताये उनका (एसडीएम) की फोटो खींचने लगे। एसडीएम सदर द्वारा मना किया गया कि फोटो क्यों खींच रहे हैं। उस बात पर कोई संतोषजनक उत्तर न देकर न्यूसेंस के मूड में आ गए जिसके कारण थाने को सूचित किया और उन लोगों को पुलिस ले गयी। बाद में एसीएम-2 की कोर्ट में पेश किया गया और नियमानुसार जेल भेज दिया गया।