राजनाथ सिंह (फाइल फोटो)
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इशरत जहां मुठभेड़ मामले संबंधी गुम हुई फाइलों को खोजने के लिए गठित किए गए जांच पैनल का मकसद किसी को फंसाना नहीं बल्कि दस्तावेजों को खोजना था।
राजनाथ ने यह बयान ऐसे समय में दिया है जब जांच कर रहे अधिकारी की ओर से एक गवाह को कथित रूप से प्रताड़ित किए जाने को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है। उन्होंने राजग सरकार पर पूर्ववर्ती संप्रग सरकार में खामियां तलाशने के लिए पैनल का गठन करने के संबंध में लगाए जा रहे आरोपों के बीच कहा, ‘‘जांच समिति का मकसद किसी को फंसाना नहीं बल्कि गुम हुई फाइलों का पता लगाना था।’’
गृह मंत्री ने इन रिपोर्टों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि जांच अधिकारी अतिरिक्त सचिव बी के प्रसाद ने गुम हुई फाइलों के संबंध में एक अहम गवाह का बयान लेने से पहले उसे प्रताड़ित किया। यह पूछे जाने पर कि पैनल ने अपनी रिपोर्ट जमा कर दी है, ऐसे में अब सरकार अगला कदम क्या उठाएगी, सिंह ने कहा कि उन्होंने रिपोर्ट अभी पूरी तरह नहीं पढ़ी है और वह सभी संबंधित लोगों से बात करने के बाद ही कोई राय बनाएंगे। जांच पैनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इशरत जहां मामले के गुम हुए पांच दस्तावेजों में से केवल एक ही दस्तावेज मिला है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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