मोसुल में मारे गए आईएसआईएस लड़ाके भारतीय तो नहीं?

मोसुल में मारे गए आईएसआईएस लड़ाके भारतीय तो नहीं?

प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली:

रॉ और आईबी मिलकर इस बात की जांच कर रहे हैं कि चार भारतीय उन बीस आईएसआईएस लड़ाकुओं में से तो नहीं थे जिनका इराक के मोसुल शहर में सिर काट दिया गया है। यह बीस लोग मोसुल शहर, जो कि इन दिनों वार जोन कहलाता है, से भागने की कोशिश कर रहे थे। उन सबका सिर बीच शहर  में जनता के बीच काट दिया गया।

23 के आईएस से जुड़ने, 6 के मारे जाने की खबर
भारतीय सुरक्षा तंत्र के मुताबिक अभी तक उनके पास 23 भारतियों की आईएस से जुड़ने की खबर है और उनमें से 6 के मारे जाने की सूचना है। 17 भारतीय अभी भी कॉन्फ़्लिक्ट जोन में आईएस के लिए लड़ रहे हैं। गृह मंत्रालय के एक सीनियर अफसर ने एनडीटीवी को बताया कि "अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है। जांच के बाद ही कुछ साफ हो पाएगा।"  

भागने वालों को आईएस ने दिया सबक
दरअसल आईएस ने उन सबको एक पैगाम दिया है कि अगर वे लड़ाई छोड़कर जाएंगे तो उनके साथ भी ऐसा ही होगा। सीनियर अधिकारी ने बताया कि "जो लोग आईएसआईएस छोड़कर जा रहे थे उन्हें चेक पाइंट पर रोका गया। पहचान करने के बाद इंगा शरया कोर्ट में ले जाया गया। पूछताछ करने के बाद अदालत ने फैसला लिया कि इन सबके सिर काट दिए जाने चाहिए।"

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रॉ के मुताबिक इस वारदात के बाद आईएसआईएस के मेंबरों में काफी खलबली है। दरअसल आईएसआईएस संगठन छोड़कर जाने वालों को गद्दार बताता है।