यह ख़बर 13 दिसंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

'तीर्थयात्रियों को सुविधाएं मुहैया कराना सरकार का दायित्व है'

खास बातें

  • उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को कहा कि धार्मिक स्थानों की यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों के लिए बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराना सरकार का संवैधानिक दायित्व है।
नई दिल्ली:

उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को कहा कि धार्मिक स्थानों की यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों के लिए बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराना सरकार का संवैधानिक दायित्व है। न्यायालय ने केन्द्र और जम्मू कश्मीर सरकार को निर्देश दिया कि अमरनाथ गुफा के तीर्थयात्रियों को समुचित स्वास्थ्य सेवाएं और दूसरी सुविधाएं मुहैया कराई जाएं।

न्यायमूर्ति बीएस चौहान और न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की खंडपीठ ने 67 पेज के फैसले में कहा कि पवित्र गुफा के पास यात्रियों के लिए बंदोबस्त की स्थिति बहुत दयनीय है। न्यायालय ने सरकार और अमरनाथ गुफा बोर्ड को अनेक निर्देश दिए हैं। इनमें पवित्र गुफा तक के पैदल रास्ते को चौड़ा करने और उस पर पूर्व निर्मित टाइल्स बिछाने का निर्देश भी शामिल हैं।

न्यायाधीशों ने कहा कि सरकार का यह दायित्व है कि कानून के दायरे में रहते हुए धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल होने वालों को सुरक्षा, स्वास्थ्य और निर्बाध रूप से आने जाने की सुविधाएं मुहैया कराई जाएं।

न्यायालय ने कहा कि यह सच्चाई है कि यहां बुनियादी सुविधाओं और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी है। पैदल यात्रियों के लिए रास्ता न तो ठीक है और न ही सुरक्षित है। ग्लेशियर और पवित्र गुफा के पास तीर्थयात्रियों के लिए प्रबंध और बंदोबस्त बहुत दयनीय है। न्यायालय ने कहा कि पैदल यात्रियों, पालकी और घोड़ों के लिए अलग-अलग रास्ते बनाए जाएं।

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न्यायालय ने अमरनाथ यात्रा के दौरान कथित रूप से सुविधाओं के अभाव में तीर्थ यात्रियों की मृत्यु के बारे में मीडिया में आई खबरों का स्वत: ही संज्ञान लिया था। न्यायालय ने तीर्थयात्रियों की सुविधाओं का अध्ययन करने के लिए एक उच्चस्तरीय दल भी गठित किया था।