जे डे की हत्या का कारण थी उनकी अंडरवर्ल्ड पर लिखी जा रही किताब : सीबीआई

जे डे की हत्या का कारण थी उनकी अंडरवर्ल्ड पर लिखी जा रही किताब : सीबीआई

छोटा राजन (फाइल फोटो)

खास बातें

  • सीबीआई ने छोटा राजन के खिलाफ पूरक आरोप-पत्र दायर किया
  • एजेंसी ने अपने आरोप-पत्र में 41 गवाहों के बयान दर्ज किए
  • गिरफ्तार पत्रकार जिग्ना वोरा और राजन की बातचीत का ब्यौरा भी शामिल
मुंबई:

पत्रकार जे डे हत्या मामले में सीबीआई ने विशेष मकोका अदालत के समक्ष आज पूरक आरोप-पत्र दायर किया. मकोका अदालत के न्यायाधीश एसएस अदकार ने पांच जुलाई को जांच एजेंसी को निर्देश दिया था कि पांच अगस्त तक आरोप-पत्र दायर करें. सीबीआई के मुताबिक 2011 में डे की हत्या का कारण वह किताब थी जो वह अंडरवर्ल्ड पर लिख रहे थे.

गवाह रवि राम को मामले में अतिरिक्त आरोपी बनाया
एजेंसी ने अपने आरोप-पत्र में 41 गवाहों के बयान दर्ज किए हैं जबकि इसने गवाह रवि राम को मामले में अतिरिक्त आरोपी बनाया है. सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘रवि राम पहले गवाह था लेकिन वह राजन और अन्य आरोपियों के बीच मुख्य संपर्क के तौर पर उभरकर सामने आया है.’’ राम ने राजन के निर्देश पर कथित तौर पर 20 वैश्विक सिम की आपूर्ति की. सीबीआई ने कहा कि उन्होंने गिरफ्तार पत्रकार जिग्ना वोरा और राजन के बीच बातचीत का ब्यौरा भी आरोप-पत्र में शामिल किया है.

एजेंसी ने कहा कि राजन का रिकॉर्डेड आवाज नमूना छोटा राजन और जिग्ना के बीच हुई बातचीत से मेल खाता है. अदालत ने पिछले महीने आज तक के लिए सुनवाई स्थगित करते हुए कहा था कि अगर एजेंसी ने आरोप पत्र दायर नहीं किया तो वह मुंबई पुलिस की अपराध शाखा द्वारा पहले दायर आरोप-पत्र के मुताबिक ही आरोप तय कर देगी. विशेष लोक अभियोजक भारत बादामी ने तब अदालत को सूचित किया था कि एजेंसी को वांछित आरोपी नयन सिंह बिष्ट के खिलाफ कुछ और सबूत मिले हैं और वह उसे आरोप-पत्र में शामिल कर रही है।

राजन को पिछले वर्ष 25 अक्टूबर को इंडोनेशिया में बाली हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया था और भारत प्रत्यर्पित कर दिया गया था. उसके ऊपर महाराष्ट्र में करीब 70 मामले हैं जिनमें 2011 में जे डे हत्या मामला भी शामिल है. महाराष्ट्र सरकार ने इस सभी मामलों को सीबीआई को सौंप दिया है. वरिष्ठ क्राइम रिपोर्टर  डे की 11 जून 2011 को पोवई में कथित तौर पर राजन के इशारे पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. जांचकर्ताओं के मुताबिक राजन डे द्वारा अपने बारे में लिखे गए कुछ लेखों से क्षुब्ध था.

वर्ष 2011 में दायर पहले आरोपपत्र में सतीश कालिया, अभिजीत शिंदे, अरुण डाके, सचिन गायकवाड़, अनिल वाघमोडे, निलेश शेंगदे, मंगेश अगावाने, विनोद असरानी, पॉल्सन जोसफ और दीपक सिसोदिया के नाम शामिल हैं. इन सभी को गिरफ्तार किया जा चुका है.

अगले वर्ष पत्रकार जिग्ना वोरा के खिलाफ एक और आरोपपत्र दायर किया गया था. वोरा पर आरोप है कि पेशेवर प्रतिद्वंद्विता में उन्होंने डे के खिलाफ राजन को उकसाया. वोरा अब जमानत पर हैं.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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